डबरा, करैरा और पोहरी विस पर कमलनाथ की तिरछी नजर

Kamal Nath's peek at Dabra, Karaira and Pohri Vis

डबरा, करैरा और पोहरी विस पर कमलनाथ की तिरछी नजर

ग्वालियर। डबरा, करैरा और पोहरी तीन विधानसभा सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक पूर्व विधायकों को उपचुनाव में शिकस्त देने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने दांवपेंच खेलना शुरू कर दिया है। अपैक्स बैंक के पूर्व प्रशासक अशोक सिंह को जिलाध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने अपना हित साधने राजनीतिक चार्तुय का परिचय दिया है। तीनों विधानसभाओं के मजरे और टपरे तक सिंह की घुसपैठ होने का लाभ पार्टी उपचुनाव में लेना चाह रही है। ग्वालियर ग्रामीण अध्यक्ष के पद पर लंबे समय से मोहन सिंह राठौड़ जमे थे। सिंधिया के साथ उन्होंने भी पार्टी से इस्तीफा दिया तो दूसरा कोई मजबूत चेहरा पार्टी को नहीं मिल रहा था इसलिए अशोक सिंह के चेहरे पर दांव चला गया है। सिंह की पैठ इसलिए भी है क्योंकि उनके पिता पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह तथा स्वतंत्रता सैनानी डोंगर सिंह कक्का की भी ग्वालियर के आसपास क्षेत्र में अच्छी घुसपैठ रही है। परंपरागत रूप से अपनी पारिवारिक घुसपैठ का पार्टी को लाभ मिले इसीलिए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने यह दांव चला है। चूंकि अशोक सिंह ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव लड़ चुके हैं इसलिए उनकी संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत डबरा के अलावा शिवपुरी जिले की दो अन्य विधानसभा क्षेत्र करैरा और पोहरी में मजरे और टपरे तक घुसपैठ है।

टीमवर्क के सहारे आगे बढ़ेंगे अशोक
अभी तक ग्वालियर ग्रामीण की कांग्रेस इमरती देवी और उनके खास समर्थित मोहन सिंह राठौड़ की जेबी संस्था हो गई थी। अशोक सिंह की नियुक्ति से वे टीमवर्क के सहारे आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे। अशोक सिंह ने संक्षिप्त चर्चा में कहा है कि वे कार्यकर्ताओं के दम पर ही उपचुनाव जीतने का प्रयास करेंगे।

कांग्रेस की पहली टारगेट इमरती
डबरा विधानसभा क्षेत्र से निरंतर तीसरी बार जीतकर विधायक बनी इमरती देवी को उपचुनाव में शिकस्त देना पीसीसी ने टारगेट बनाया है। इमरती देवी सिंधिया की समर्थित हैं इसलिए पीसीसी ने उन्हें पहला टारगेट बनाया है। इमरती देवी भले ही भाजपा से कमल निशान पर चुनाव लड़ें लेकिन स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता उन्हें आत्मसात नहीं कर पाए हैं। इसका लाभ भी सीधे अशोक सिंह अपने पक्ष में करना चाहेंगे।

लॉक डाउन में मोबाइल बना सहारा
लॉक डाउन में भले ही इंसान के इधर से उधर जाने पर रोक हो लेकिन मोबाइल के जरिए संदेश भेजना या संवाद करना जारी होने से अशोक सिंह मोबाइल का ही बखूबी उपयोग कर रहे हैं। सुबह से रात्रि तक एक सैकड़ा से अधिक लोगों से बातचीत हुई है। चूंकि उनके अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार उन्होंने तीनों विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से चर्चा की है। भितरवार के विधायक और पूर्व मंत्री लाखन सिंह भी इस मामले में उनके सहायक बन गए हैं।