निवेश करते रहें और बाजार की सेहत में सुधार के भागीदार बनें

निवेश करते रहें और बाजार की सेहत में सुधार के भागीदार बनें

कोरोनावायरस अभी भी तेजी से फैल रहा है और इसकी वैक्सीन आने में अभी वक्त लगेगा, निश्चित तौर पर यह हम सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। जैसा की पूर्व में अनुभव किया गया है, प्रेरणादायक कहानियां इक्विटी एवं कैपिटल मार्केट में कभी काम नहीं आतीं। केंद्र में जब मोदी सरकार बनी थी तब अधिकांश प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने भविष्यवाणी की थी कि सेंसेक्स 2020 तक 1,00,000 तक पहुंच जाएगा।

तर्क पूर्ण विचार और बाजार में करते रहें निवेश

एक पूर्णत: अप्रत्याशित कारण जैसे एक अदृश्य वायरस ने अर्थव्यवस्था को पूर्णत: बाधित कर दिया और कैपिटल मार्केट इससे विशेष तौर पर बाधित हुआ। भावनात्मक सोच तर्कपूर्ण सोच की तुलना में कमजोर होती है। आइए हम तर्कपूर्ण विचार करें, निवेश करते रहें और बाजार की सेहत में सुधार में भागीदारी करें जिसकी हालत देर-सबेर ठीक हो ही जाएगी।

अर्थव्यवस्था में आहटों को फिल्टर कर करें निवेश

इएम फॉस्टर ने एक बार कहा था, मैं धारणाओं में विश्वास नहीं करता। इसी तरह, हम भविष्यवाणी करने वाले कोई ज्योतिष नहीं हैं। बाजार का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हालांकि इक्विटी मार्केट के आंकलन का स्तर तथा मांग एवं आपूर्ति के आधार पर सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के नतीजों का हमेशा अनुमान लगाया जा सकता है। मूल्य- आधारित निवेश रणनीति के लिए निवेशक को हमेशा पीई रेशियो, सीएडी, राजकोषीय घाटे के स्तर को चेक करना चाहिए। कल्पित हानि एवं लाभ मार्केट फिनोमिनल होते हैं। निवेशक को बाजार एवं अर्थव्यवस्था की सभी आहटों को फिल्टर करके अपना निर्णय लेना चाहिए। उनके निवेश का निर्णय सिर्फ विशेषज्ञ की स्टॉक मार्केट के बारे में राय या फिर स्टूडियो में बैठकर भविष्य का अनुमान लगाने वाले एंकर्स की बात पर आधारित नहीं होना चाहिए।

अर्थव्यवस्था व बाजार में जल्दी ही सुधार आएगा

देश में वर्तमान में आर्थिक गतिविधियां सुधार के ट्रेंड में हैं। विद्युत की मांग, माइनिंग लीज का ट्रांसफर, एफआइआइ के लिए करों में कमी, धन के वेग एवं ट्रैफिक में सुधार आदि से संकेत मिल रहा है कि अर्थव्यवस्था और बाजार में जल्दी ही सुधार आएगा। वर्तमान में औसत पीइ 18 से 22 है जोकि वैल्यू स्टॉक एवं म्यूचुअल फंड में निवेश का मॉडरेट लेवल है। पूर्व में बाजार में होने वाले सभी सुधार यू आकार के थे और अब जब और जैसे ही आपूर्ति संकट सुधरेगा बाजार में वी आकार के सुधार अपेक्षित हैं। मानसून आशाजनक है तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार संभावित है। कोरोनावायरस से हमारे ग्रामीण क्षेत्र ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं और इसलिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सरकार से मिलने वाली किसी भी सहायता संपूर्ण अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार के लिए एक अतिरिक्त लाभ होगा। महामारी के कारण कृषि उत्पादन कभी नहीं रूकता। एपीएमसी सुधार किसानों को अपना उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं को बेचने का मार्ग प्रशस्त करेगा। बहुत से आर्थिक सुधारों की घोषणा शीघ्र ही होना अनुमानित हैं। हम सलाहकार अर्थव्यवस्था की सूक्ष्म एवं वृहत दशाओं के आधार पर केवल सामान्य एवं संपूर्ण सलाह दे सकते हैं। अब अर्थव्यवस्था की मजबूती एवं कमजोरी को भांपते हुए अनिश्चितता के इस दौर में निवेशक को स्वयं अपना रास्ता तय करना होगा। हमें अस्पष्टता या अनिश्चितता में जीना सीखना होगा, जोकि कठिन है और अनिश्चितता पर जानकारी देने के लिए कोई पुस्तक भी उपलब्ध नहीं है। अधिक सूचनाएं इस बात की गारंटी नहीं देतीं की उनके आधार पर लिया गया निर्णय बेहतर ही होगा। हमें अपनी विद्यमान धारणाओं के अनुरूप नई सूचनाएं गढ़नी होंगी। बाजार के इतिहास का अध्ययन करें, निवेश करते रहें एवं देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि में भागीदारी करें।

वित्तीय घाटे को मजबूती मुफ्त नीतियों से नहीं मिलेगी

वर्ष 1980 के बाद से पिछले 40 वर्षों के दौरान 6 अवसर ऐसे आए हैं जब बाजार में 40 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई और सिर्फ तीन बार गिरावट 50 प्रतिशत से ज्यादा की रही है। अब आप यदि यह सोच कर हैरान हो रहे हैं कि बाजार में गिरावट की इन घटनाओं के बाद क्या हुआ, तो आप को बता दें कि बाजार में फिर बहार आई। निवेशक को कम से कम हर तीन माह में पोर्टफोलियो का विश्लेषण या समीक्षा जरूर कर लेना चाहिए। पोर्टफोलियों की मासिक, साप्ताहिक, रोजाना या हर घंटे समीक्षा उचित नहीं है। तथ्यों पर ध्यान केंद्रित रखें, पूर्वाग्रह पूर्ण सूचना से सावधान रहें। गुणा-भाग कम करें, सोच-विचार ज्यादा करें तथा स्वतंत्रतापूर्वक सोचें। अमेरिका एवं चीन के बीच ट्रेड वॉर कम होता जा रहा है। उनके बाजार के साथ ही हमारे अन्य एशियाई पड़ोसियों के बाजार में सुधार हो रहा है। अमेरिकी फेड एवं इसीबी (यूरोपियन सेंट्रल बैंक) के इकॉनॉमिक पैकेज की राशि 2.4 ट्रिलियन डॉलर है जो कि 2025 तक हमारी अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की सोच की लगभग आधी है। हमारा पुनरोद्धार पैकेज जीडीपी का लगभग एक प्रतिशत है। हालांकि हम अपनी आर्थिक स्थितियों की तुलना विकसित देशों के साथ नहीं कर सकते। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिहाज से अभी हमारा प्राथमिक कर्तव्य देश की अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग की सुरक्षा करना है और हमारी सीएडी एवं वित्तीय घाटे को मजबूती मुफ्त नीतियों से नहीं मिलेगी।