लोकायुक्त ने मोदी हाउस गड़बड़झाले में की पूछताछ, कायमी पर प्रतिवेदन पहुंचाया भोपाल

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लोकायुक्त ने मोदी हाउस गड़बड़झाले में की पूछताछ, कायमी पर प्रतिवेदन पहुंचाया भोपाल

ग्वालियर।  मोदी हाउस को कारोबारी नरेश अग्रवाल देने के फेरे में निगम अधिकारियों की मिलीभगत व गड़बड़झाले को लेकर लोकायुक्त में हुई शिकायत एक कदम आगे बढ़ गई है। क्योंकि लोकायुक्त ने मामले में प्राथमिक जांच के चलते शिकायतकर्ता को बुलाकर मामले के संबंध में पूछताछ की जा चुकी है। वहीं गड़बड़झाले के मिलने पर कायमी के लिए जांच प्रतिवेदन भोपाल मुख्यालय पहुंचा दिया गया है। मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास बने मोदी हाउस राजस्व ग्राम महलगांव सर्वे क्रमांक 471 की 46125 वर्ग फुट निगम स्वामित्तव वाली है। जिसे वर्ष 1949 में 99 वर्ष की लीज पर सांवलदास मोदी पुत्र देवचंद्र को आवंटित की गई थी, लेकिन सावलदास की मृत्यु पश्चात उक्त लीज भूमि पर वर्ष 1984 में निगम द्वारा बिना अनुबंध संपादित किए तत्कालीन आयुक्त के आदेश द्वारा पुत्र चिमन भाई मोदी जयंतीभाई मोदी और मोहन भाई मोदी का नाम नामातंरण किया गया। वहीं मोहन मोदी की मृत्यु के पश्चात उनकी अधिपत्य भूमि पर उनकी पत्नी नीलम मोदी, पुत्र अमर मोदी तथा अशोक मोदी का काबिज होकर हुए। किंतु उनके द्वारा नगर निगम में नाम परिवर्तन हेतु कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। बाद में मोदी हाउस की जमीन को अपने स्वामित्तव की मानकर लीज पाने वाले सांवलदास मोदी के परिजनों ने वर्ष 1992 में जयंती भाई मोदी की हिस्सेदारी वाली भूमि में से 2133 वर्ग फीट भूमि निर्माण सहित रीना शिवहरे व 1786 वर्ग फुट भूमि निर्माण सहित राज शिवहरे को पंजीकृत विक्रय पत्र द्वारा विक्रय की गई थी और निगम ने इन दोनों भूमियों का पहले नामातंरण किया था, लेकिन विवाद उठने पर दोनों का नामातंरण निरस्त कर दिया गया। क्योंकि भूमि की लीज लेने के दौरान किए गए अनुबंध 2 अगस्त 1952 के बिंदु चार के अनुसार लीजग्रहिता को लीज भूमि को केवल किराए पर देने के अधिकार थे, लेकिन सावलदास के परिजनों ने बीते 28 सालों में लीज से मिली भूमि को 3 पंजीकृत असाइनमेंट आॅफ लीज ट्रांसफर करने का अपराध किया गया। जिस पर निगम अधिकारी मिलीभगत से मौन धरे रहे और इसी मामले को लेकर लोकायुक्त-ईओडब्ल्यू में शिकायत हुई है। मोदी हाउस के मामले में शिकायकर्ता से पूछताछ हो चुकी है। इसके बाद भोपाल को कायमी (रजिस्टेशन) के लिए मामला पहुंचाया जा चुका है। राघवेन्द्र ऋषिवर, निरीक्षक, लोकायुक्त ग्वालियर कार्यालय में मोदी हाउस को लेकर शिकायत मिली है, जिसमें कार्यवाही जारी है। अभी मैं भोपाल में हूं, लौटकर अपडेट जानकारी दे पाउंगा।

निगम की विभागीय जांच की आवश्यकता नहीं 
लोकायुक्त जानकारों की मानें तो मोदी हाउस के मामले में कायमी इसलिए आसान होगी। क्योंकि इस मामले में निगमायुक्त संदीप माकिन ने आयुक्त नगरीय प्रशासन को भेजे प्रस्ताव में सारी अनिमित्ताएं का खुलासा कर दिया है और गड़बड़झाले की जानकारी में 20 करोड़ के आर्थिक नुकसान होना भी बताया है।