महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 64 मौतें, लेकिन मप्र में मौतों का प्रतिशत अधिक, 14 दिन में 29 लोगों की जान गई
भोपाल कोरोना वायरस का पहला मामला भले ही महाराष्ट्र में सामने आया हो, लेकिन संक्रमित मरीजों और मौतों का औसत आंकड़ा देखा जाए तो मप्र, महाराष्ट्र से आगे है। मप्र में पहला पॉजिटिव केस 20 मार्च को सामने आया था। 25 मार्च को उज्जैन की महिला की इंदौर में मौत हुई थी। यह प्रदेश की पहली मौत थी। तब से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। बुधवार तक 24 मौतें हो चुकी थीं। संक्रमितों की संख्या भी पिछले पांच दिनों में तेजी से बढ़ी है। भोपाल में 4 दिन पहले पॉजिटिव मरीजों की संख्या 18 थी, जो अचानक से बढ़ते हुए बुधवार तक 94 तक पहुंच गई। मप्र में पॉजिटिव मरीज 381 हैं, इनमें से 29 की मौत हो चुकी है। ऐसे में मौतों का प्रतिशत 7.6 है, जबकि महाराष्ट्र में 1018 मरीजों से में 64 की मौतें हुई हैं। यह प्रतिशत 6.2 ही है। यानी प्रदेश में महाराष्ट्र से भी तेजी से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। पड़ोसी प्रदेश छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोरोना से कोई भी मौत नहीं हुई है। मौतों के मामले में गुजरात भी महाराष्ट्र से आगे है। वहां का प्रतिशत 6.8 है।
प्रदेश में ये खामियां
प्रदेश में पहला मामला 20 मार्च को आया, लेकिन तब सत्ता का संग्राम छिड़ा था, इसलिए देरी हुई। ,25 मार्च को पहली मौत हुई, तब सरकार ने तेजी दिखाई। लेकिन जिनकी मौतें हुई उनके आसपास जांच का दायरा नहीं बढ़ाया गया। परिवारों में संक्रमण।,प्रदेश भर में स्वास्थ्य अमले की टीमें तत्काल गठित नहीं की गई । प्रदेश की 7 टेस्टिंग लैब में रोज 778 जांचें ही हो रही हैं। जरूरत कम से कम 1,000 जांचों की। बुधवार से कई प्रदेशों में रैपिड टेस्ट शुरू हुए, मप्र में किट नहीं।
मौतें रोकने के लिए नया एक्शन प्लान
इंदौर-भोपाल सीमा पूरी तरह सील की गई। मास्क नही पहना तो जाएंगे जेल, 50 हजार रैपिड टेस्ट किट मंगाई
मप्र पहला राज्य, जहां स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव समेत 50 अधिकारी, कर्मचारी पॉजिटिव
देश में मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहां स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल, संचालक स्वास्थ्य जे विजय कुमार, अतिरिक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ.वीणा सिन्हा के अलावा 45 अफसर और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
अफसरों ने बताया, राज्य में 7% मृत्य दर, शिवराज ने कहा - इसे न्यूनतम करें
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रदेश में अभी कोरोना डेथ रेट 7 से 7.30 प्रतिशत तक है। इस पर सीएम ने चिंता जताई और निर्देश दिए कि कोरोना मरीजों की सर्वोत्तम उपचार व्यवस्था की जाए, जिससे डेथ रेट को न्यूनतम किया जा सके। अधिकारियों ने भरोसा दिया कि वायरस की त्वरित जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट्स की व्यवस्था की जा रही है। इसकी रिपोर्ट तुरंत आएगी। वायरस होने पर कोरोना वायरस संबंधी जांच की जाएगी। अभी 50,000 रैपिड टेस्टिंग किट्स का आर्डर दिया गया है।