लॉकडाउन के दौरान कई बार भूखे भी सोना पड़ा

लॉकडाउन के दौरान कई बार भूखे भी सोना पड़ा

भोपाल । कभी नहीं सोचा था कि भूखा सोना पड़ेगा। लेकिन कोरोना संक्रमण ने ऐसे दिन भी दिखा दिए, जिसकी कल्पना कभी भी नहीं की थी। लॉकडाउन में काम बंद होने से दो वक्त की रोटी के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ा। यह कहना है बैरागढ़ स्थित इंद्रा नगर के 55 वर्षीय राम सिंह अहिरवार का, जो हाथ ठेले से रोजाना कमाकर अपने दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त करते हैं। राम सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कई बार घर का चूल्हा तक नहीं जला। हालांकि, इस बीच कई सामाजिक संस्थाओं ने मदद की। महेश खटवानी ने दो बार का राशन दिया, जिससे कुछ दिन गुजरे। फिर परेशान होना पड़ा। अब रोजगार सामान्य हो गया और प्रतिदिन हम्माली करके रोजी रोटी का बंदोबस्त कर लेता हूं। लेकिन डर बना रहता है कि फिर से वैसी स्थिति न हो जाए।