150 करोड़ से ज्यादा खर्च, फिर भी चैनलाइज्ड नहीं हुए नाले

भोपाल। नगर निगम सालाना 20 करोड़ रुपए स्टॉर्म वॉटर ड्रेन नेटवर्क डेवलपमेंट और मेंटेनेंस पर खर्च करता है। वहीं, बारिश से पहले नालों की सफाई में 20 लाख रुपए से ज्यादा खर्च होते हैं। बावजूद हर साल बारिश में बस्तियों, मोहल्लों में जलभराव होता है। इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न योजनाओं में 14 सालों में करीब 150 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने के बाद भी शहर के 789 छोटे-बड़े नालों का अब तक चैनलाइजेशन नहीं हो सका है। राशि न होने से रुका था काम नाला चैनलाजेशन के नाम पर पहले जेएनएनयूआरएम के तहत 58 करोड़ और अन्य योजनाओं की राशि भी खर्च की गई। बजट खत्म होने पर काम रुक गया इसके बाद 2017 में अमृत योजना में 125 करोड़ रुपए बजट मिला। अब अधूरे काम इस बजट से किए जा रहे हैं।
रेंगता रहा चैनलाइजेशन का काम
शहर में नालों के चैनलाइजेशन प्रोजेक्ट को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने 26 मई 06 को मंजूरी दी। इस योजना में संजय नगर, शाहपुरा, स्लॉटर हाउस, पातरा व साउथ टीटी नगर के सात हजार 250 मीटर लंबे नालों का चैनलाइजेशन 30 करोड़ 57 लाख से कराना था। नालों की कांक्रीट लाइनिंग से डिजाइन इंबेकमैंट निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। 80 फीसदी काम का दावा: इधर, निगम की मानें तो तीन नालों का काम पूरा हो गया है और दो नालों का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। जबकि हकीकत में अतिक्रमण के चलते नालों की दीवारें नहीं बन पा रही हैं। यही नहीं नालों की दीवारें अपनी सहूलियत से बनाई हैं।