प्रदेश में 66 फीसदी से अधिक शराब ठेके हुए सरेण्डर

जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में बुधवार को शराब ठेकेदारों के मामले में हुई सुनवाई के दौरान बताया गया कि ठेकेदारों ने प्रदेश की 66 फीसदी से अधिक दुकानें सरेण्डर कर दी हैं। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष एक आवेदन पेश कर यह भी बताया गया कि न्यायालय के आदेश के बावजूद भी सरकार ने सागर के एक शराब ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। युगलपीठ ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि यह मामला मां वैष्णो इंटरप्राईजेस व 29 अन्य शराब ठेकेदारों की ओर से दायर किया गया है। जिसमें में कहा गया है कि बीते फरवरी माह में शराब दुकानों की टेण्डर प्रङ्मिीया जारी हुई थी। प्रदेश सरकार द्वारा जब वर्ष 2020- 2021 के लिए टेंडर आमंत्रित कर शराब ठेके दिए गए थे, तब परिस्थितियां अलग थीं। याचिकाकर्ता ने टेंडर के माध्यम से ठेके लिए थे, टेंडर के अनुसार ठेके की अवधि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक थी। इसके अलावा वे दुकानों का संचालन 14 घंटे तक कर सकते थे। इतना ही नहीं टेंडर आवंटित होने के दौरान उन्होंने निर्धारित राशि जमा भी कर दी थी।
ये कहा था कोर्ट ने
मामले में शराब ठेकेदारों की ओर से कहा गया कि नया टेंडर प्रारंभ होने के पहले ही करोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया। इसके बाद लॉकडाउन की अवधि में लगातार बढ़ोतरी की गई। मामले की पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने कहा था कि जो ठेकेदार दुकान संचालित करना चाहते , वह तीन दिनों में हलफनामा पेश करें। सरकार सरेण्डर करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही नहीं करे।
नए ठेकों की प्रक्रिया जारी
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान ठेकेदारों की ओर से उक्त जानकारी पेश की गयी। वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि जो शराब दुकानें सरेण्डर हुई हैं, उनमें नए ठेके की प्रक्रिया जारी है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अधिवक्ता राहुल दिवाकर तथा सरकार की ओर से सौरभ मिश्रा ने पैरवी की।