लॉक डाउन में मप्र का जीएसटी कलेक्शन 40 प्रतिशत तक सिमटा, केंद्र से मांगी राशि

भोपाल । कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जारी लॉक डाउन के दौरान मध्यप्रदेश में जीएसटी कलेक्शन घटकर 40 प्रतिशत रह गया है। 30 जून को जीएसटी रिटर्न भरने की आखिरी तारीख के बाद कलेक्शन का सही आंकड़ा सामने आ सकेगा। हालांकि हाल ही में केंद्र सरकार ने क्षतिपूर्ति का बकाया 1386 करोड़ रुपए का भुगतान कर मप्र को कुछ राहत दी है। मप्र में जीएसटी का हर साल करीब 25 हजार करोड़ रुपए का कलेक्शन होता है। इधर, कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था की धीमी गति और जीएसटी कलेक्शन में आई कमी के बाद राज्य सरकार ने क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार से की है। हाल ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी। इसमें मप्र से गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा वीसी के जरिए बैठक में शामिल हुए थे। बैठक में यह बात सामने आई थी कि लॉक डाउन के कारण अप्रैल, मई और जून में केवल मप्र ही नहीं, बल्कि देश भर में जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में यह स्थिति बनी रहेगी। मप्र ने निर्माण कार्यों से संबद्ध क्षेत्रों में जीएसटी की दरें 12 से घटाकर 9 प्रतिशत करने की मांग केंद्र से की है। मप्र में उद्योगपतियों ने भी यही मांग उठाई है। सरकार का मानना है कि जीएसटी की दरें कम होती हैं, तो वे अन्य क्षेत्रों में भी अधिक लोगों को रोजगार दे सकेंगे।
26 हजार करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान
विशेषज्ञों का कहना है कि तीन महीने के लॉकडाउन में मप्र के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। अब तक विभिन्न मदों में अनुमानित 26 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व नुकसान हो चुका है। पेट्रोल-डीजल की कम खपत और शराब दुकानें बंद होने से ही हजारों करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसी तरह उद्योग-धंधे बंद होने से जीएसटी सहित अन्य टैक्स में भी भारी कमी आई है। यह कमी अगले तीन महीने तक बरकरार रहने की आशंका है।
क्षतिपूर्ति के लिए हर महीने मिलते हैं 500 करोड
केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को क्षतिपूर्ति के रूप में 1386 करोड़ रुपए मुहैया कराए हैं। यह राशि पिछले तीन महीने से अटकी हुई थी। हर महीने क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य को 450 से 500 करोड़ रुपए मिलते हैं। केंद्र सरकार इस राशि से टैक्स कलेक्शन में होने वाले घाटे की भरपाई राज्य सरकारों को करती है।
निर्माण कार्यों पर 9 प्रतिशत जीएसटी करने का सुझाव
निर्माण कार्यों पर लगने वाला 12 प्रतिशत जीएसटी कम कर 9 प्रतिशत करने की मांग केंद्र सरकार से की गई है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा चिकित्सकीय उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी की राशि में राहत प्रदान करने का अनुरोध भी किया है। कोरोना संक्रमण काल में राहत मिलने पर न केवल इलाज की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी, बल्कि इलाज भी सस्ता होगा। डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गृह व स्वास्थ्य मंत्री
तो सस्ती मिलेंगी वस्तुएं
लॉक डाउन के दौरान देश भर में कारोबार पूरी तरह ठप रहा है। अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निर्माण कार्याें सहित अन्य वस्तुओं पर जीएसटी की दर कम करना चाहिए। जब दरें कम होंगी, तो लागत भी कम हो जाएगी। इससे वस्तुएं सस्ती मिलेंगी। मुकुल शर्मा, जीएसटी एक्सपर्ट,भोपाल