एमएसटी बंद, कई अपडाउनर्स को आने-जाने में आधी से ज्यादा सेलरी करनी पड़ रही खर्च

एमएसटी बंद, कई अपडाउनर्स को आने-जाने में आधी से ज्यादा सेलरी करनी पड़ रही खर्च

भोपाल । छोला में रहने वाले अनवर हुसैन जो कि इटारसी में फैक्ट्री में सिक्योरिटी सेक्शन में काम करते हैं। उनकी सैलरी 12 हजार रुपए है और कई सालों से 600 रुपए एमएसटी बनवाकर ट्रेन से अपडाउन करते रहे हैं। जब से ट्रेनें बंद हुर्इं, वे बाइक या जनशताब्दी एक्सप्रेस से आते जाते हैं। ऐसे में रोजाना 200 रुपए खर्च होते हैं। महीने में यह 6 हजार के करीब पड़ता है जो आधी सेलरी है। कुछ इस तरह के हाल हैं इन दिनों अपडाउनर्स के, जो ट्रेनों के और एमएसटी बंद होने के कारण अपनी अपनी गाड़ियों या कार शेयरिंग करके जा रहे हैं। ऐसे कई लोग इटारसी, होशंगाबाद एवं विदिशा में काम करते हैं, उन्हें भी ऐसे ही खर्च कर नौकरी करनी पड़ रही है। उनकी आधी से ज्यादा सेलरी किराए में ही खर्च होती है।

 35 से 40 हजार लोग रोजाना करते थे ट्रेन से अपडाउन 

जानकारी के अनुसार भोपाल से रोजाना करीब 35-40 हजार लोग ट्रेन से अपडाउन करते थे। इसमें इटारसी-भोपाल के 10 हजार, सांची विदिशा गंजबासौदा एवं बीना के करीब 15 हजार अपडाउनर्स शामिल हैं। देवास, सीहोर, शुजालपुर, हरदा के भी कई अपडाउनर्स हैं। भोपाल के अपडाउनर प्रवेश तिवारी (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उन्हें जनशताब्दी से रोजाना जाना पड़ता है। उसमें एक साइड का किराया 90 रुपए प्रतिदिन है। उन्हें मीडिया से यह बात बताते समय नौकरी जाने तक का डर था। वहीं, बीमाकर्मी विक्रम मिश्रा ने बताया कि हम 3 लोग कार से भोपाल से डेली बीना जाते हैं, जिसमें एक बार में 16 सौ का पेट्रोल लगता है।

 मुख्यालय से आदेश का इंतजार

एमएसटी को लेकर मुख्यालय स्तर से जैसे आदेश आएंगे, उनका पालन किया जाएगा। आईए सिद्दीकी,प्रवक्ता, पश्चिम मध्य रेलवे

 अपडाउनर्स पर एक नजर

 600 रुपए के एमएसटी पर एक महीने तक कर सकते थे सफर। टू-व्हीलर्स एवं कार से से अपडाउन करने वालों का करीब 6 हजार 15 हजारु रुपए महीना तो सिर्फ जानेआने में खर्च हो रहा।  जनशताब्दी वं अमरकंटक के रोजाना टिकट लेकर जाना पड़ रहा महंगा।  अपडाउनर्स की मांग, जल्द शुरू किए जाएं ट्रेनों में अपडाउन करने वालों के लिए जनरल कोच। सामान्य ट्रेनों में जाने की मिले अनुमति। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि जल्द ही रेलवे अपडाउनर्स को लेकर ले सकता है निर्णय।