सालभर कुछ नहीं किया ननि ने फिर आएंगे शहर के कई इलाके जलप्लावन की चपेट में

सालभर कुछ नहीं किया ननि ने फिर आएंगे शहर के कई इलाके जलप्लावन की चपेट में

जबलपुर । शहर में दर्जनों कॉलोनियां,बस्तियां और इलाके ऐसे हैं जहां हर साल जलप्लावन का दंश लोगों को सहना मजबूरी है। जल प्लावन का शिकार बनने वालों में गरीब से गरीब व अमीर से अमीर शामिल हैं। हर साल होने वाली परेशानी के लिए कभी बात होती है नालों की डिजाइन बदलने की तो कभी नालों को तोड़ कर चौड़ा करने की मगर ऐसा किया नहीं जाता। नतीजतन बारिश का मौसम आते ही इलाके पानी में डूबने लगते हैं और जिम्मेदार मगरमच्छी आंसू बहाने मौके पर पहुंच जाते हैं। जलप्लावन का दंश वही समझ सकता है जो इसका शिकार बनता है। शहर में विजय नगर क्षेत्र की करीब दर्जन भर कॉलोनियां हर साल जलप्लावन की शिकार बनती हैं। प्रशासन का कहना है कि यहां बसाहट का क्षेत्र निचला है लिहाजा जलप्लावन से पूर्ण मुक्ति संभव नहीं है। वहीं स्थानीय जनों का कहन है कि कम से कम जो नाले ऊपरी क्षेत्रों से यहां आ रहे हैं उन्हें ही बंद करवा दें या इन्हें अन्य जगह डायवर्ट करवा दें तो भी काफी राहत मिल सकती है,मगर ऐसा भी नहीं किया जा रहा है।

यह नाला करता है परेशान

कृषि उपज मंडी के पास से जगदंबा कॉलोनी,सरस्वती कॉलोनी, पंजाब बैंक कॉलोनी,स्टेट बैंक सिंगल स्टोरी,डबल स्टोरी इत्यादि कॉलोनियों में हर साल बारिश के समय हालात इतने बुरे हो जाते हैं कि कई-कई दिन तक लोग अपने वाहन घर तक नहीं ले जा पाते और घुटने या कमर तक के पानी से निकलकर घर तक जाते-आते हैं।

क्या है जलप्लावन की वजह

वर्ष 2010 के पहले शहर में इतना जलप्लावन नहीं होता था। इस साल से शहर के मुख्य सभी नालों को संकरा कर कवर्ड करने का काम 374 करोड़ रुपए कीराशि से शुरू करवाया गया जो कि वर्ष 2014 तक पूरा किया गया। हालाकि बीच-बीच में कई नाले अधूरे भी रहे और इन्हें लिंक नहीं किया जा सका जिससे बारिश में जो छूटी जगह हैं वहां से पानी बस्तियों में भरने लगा।

इन इलाकों में भी मुसीबत

विजय नगर क्षेत्र की दर्जन भर कॉलोनियों के अलावा गोलबाजार, श्रीनाथ की तलैया, सिविक सेंटर,गढ़ा क्षेत्र में परसवाड़ा, धनवंतरी नगर कॉलोनी, पुरवा, गंगानगर चंदन कॉलोनी, घमापुर क्षेत्र, व्यौहारबाग, जीआरपी लाइन, नेपियर टाउन, मदनमहल अंडरब्रिज, प्रेमनगर कॉलोनी, कृपाल चौक, गुप्तेश्वर आदि इलाकों में बारिश होने के बाद जलप्लावन की स्थितियां हर साल निर्मित होती ही है

फैक्ट फाइल

374 करोड़ रुपए से कवर्ड करवाए गए नाले

5 मुख्य नाले ओमती, मोती, उर्दना, खंदारी व शाह नाला

125 उप नाले कवर्ड कराए गए

2 दर्जन जगह ऐसी, जहां पानी भरना तय

2 से 3 करोड़ हर साल बड़े नालों की सफाई पर किए जाते हैं खर्च