अर्थव्यवस्था को गति देने 50.60 लाख करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की जरूरत

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए भारत को 50 से 60 लाख करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जरूरत होगी और यह निवेश मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ ही एमएसएमई क्षेत्र में लाया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) समय की मांग है और इस तरह के कोष से देश को फायदा होगा क्योंकि बाजार में नकदी की आवश्यकता है। नकदी के बिना हमारी अर्थव्यवस्था का पहिया तेजी से आगे नहीं बढ़ेगा। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए परिस्थितियों में देश में 50-60 लाख करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजमार्ग, हवाई अड्डा, अंतर्देशीय जलमार्ग, रेलवे, लॉजिस्टिक पार्क, ब्रॉड गेज और मेट्रो सहित बुनियादी ढांचा क्षेत्र के अलावा एमएसएमई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आ सकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएम,, गैर.बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और बैंकों में एफडीआई की जरूरत है । हम राजमार्ग क्षेत्र में विदेशी निवेश लाने की कोशिश कर रहे हैं। गडकरी ने आगे कहा कि एमएसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रोंं के लिए दुबई और अमेरिका के निवेशकों के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा पहले ही बीएसई पर सूचीबद्ध हैं।
जालसाजी पर लगाम लगाने के लिए किया गया करार
नई दिल्ली। नकली उत्पादा या जालसाज़ी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था, ब्रांड और उपभोक्ताओं को पहुंचे नुकसान के मद्देनज़र आथेन्टिकेशन सोल्यूशन्स प्रोवाइडर्स एसो (एएसपीए) और जीएस1 इंडिया ने विश्वस्तरीय मानकों का इस्तेमाल करते हुए देश में जालसाजी के खिलाफ लड़ाई के लिए करार किया है। दोनों संगठनों ने बड़े पैमाने पर उद्योग एवं उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए मानक समाधानों के इस्तेमाल द्वारा जालसाजी-विरोधी प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए यह समझौता किया है। नकली उत्पादों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष 1,17,253 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होता है। 2018 की तुलना में 2019 में जालसाज़ी के ऐसे मामलों में तकरीबन 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इससे न केवल कारोबारों की ब्रांड इक्विटी पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि उपभोक्ता की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। एएसपीए के अध्यक्ष नकुल पसरीचा ने कहा कि देश में प्रमाणीकरण प्रणाली के लिए उनका संगठन काम कर रहा है और इसी क्षेत्र में काम करने वाली अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है। प्रमाणीकरण की दिशा में किए जाने वाले इस तरह के प्रयास भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत बनाएंगे और इसे विश्वस्तरीय मंच पर ले जाएंगे जहां भरोसा खासतौर पर सबसे महत्वपूर्ण है। एएसपीए स्व विनियमित गैर लाभकारी संगठन है जो संपूर्ण फिजिकल एवं आथेन्टिकेशन सोल्यूशन्स उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है।