कवर्ड नालों पर एनएमटी:मुहाना बनाकर छोड़ा, बस स्टैंड-नौदरापुल पर थमा काम

कवर्ड नालों पर एनएमटी:मुहाना बनाकर छोड़ा, बस स्टैंड-नौदरापुल पर थमा काम

जबलपुर । कवर्ड नालों पर एनएमटी व रोड बनाने के काम की शुरूआत 4 साल पहले जोर-शोर से शुरू की गई थी। इसमें सबसे पहले बसस्टैंड से नौदरापुल तक के कवर्ड ओमती नाले के ऊपर का हिस्सा एनएमटी व रोड बनाकर पूर्ण करना था,मगर बस स्टैंड से मदनमहल भातखंडे संगीत महाविद्यालय तक के हिस्से में काम शुरू कर दिया गया। आलम यह है कि इस रोड पर एक तरफ तो मुहाना बनाकर छोड़ दिया गया है बाकी बीच में काम रुका हुआ है। यही हाल पहले प्रोजेक्ट का है जिसमें तो मुहाना भी नहीं बना है। येदोनों प्रोजेक्ट लापरवाही बयान करते हुए स्मार्ट सिटी प्रबंधन को मुंह चिढ़ा रहे हैं। स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने कवर्ड नालों पर हल्के वाहनों और पैदल पथ के लिए सौंदर्यीकरण करने का काम 4 साल पहले शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट में यह योजना थी कि कवर्ड नालों का उपयोग आवाजाही के लिए हो सके। हालाकि इसमें भारी वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जाना था और केवल पैदल चलने वाले,साईकिल ट्रैक और बैटरी चलित आटो को यहां से चलना था। इससे न सिर्फ वैकल्पिक रोड मिलतीं अपितु मुख्य मार्गों पर भी यातायात का दबाव कम होता।

बेरोजगारों को मिलना था रोजगार

इस प्रोजेक्ट के तहत नौदरापुल से लेकर बस स्टैंड तक बनाए जाने वाले एमएमटी युक्त रोड में छोटे-छोटे उद्यान सहित दोनों ओर दुकानों का भी प्रावधान किया जाना था जिसमें कई बेरोजगारों को रोजगार भी मिलता। इस प्रोजेक्ट को लेकर युवा बेहद आशान्वित थे। शुरूआती चरण में यहां पर सीवर लाइन व अंडर ग्राउंड वायरिंग का काम भी किया गया। इसके बाद काम थम गया जो कि आज तक थमा हुआ ही है। इस प्रोजेक्ट की लागत शुरूआत में 5 करोड़ बताई गई थी।

नौदरापुल से घंटाघर भी था शामिल

इसी क्रम में तीसरा प्रोजेक्ट नौदरापुल से लेकर घंटाघर तक किया जाना था,इसके आगे घंटाघर से मोतीनाला तक भी काम करने का विचार बनाया गया था मगर ये दोनों प्रोजेक्ट भी कागजों तक ही सीमित हैं। वर्तमान में यहां कवर्ड हिस्से में टपरे व वाहन सुधारने वालों का कब्जा हो चुका है। नालों पर एनएमटी व रोड बनाए जाने से जो लोगों ने आशाएं संजो ली थीं वे पूरी नहीं हो पाई हैं।

तिगुनी हुई दूसरे प्रोजेक्ट की लागत

वहीं बस स्टैंड से लेकर मदनमहल भातखंडे संगीत महाविद्यालय तक बनने वाले प्रोजेक्ट में महाविद्यालय के बाजू से तो मुहाना बेहद शानदार बना दिया गया है। इस प्रोजेक्ट की लागत शुरूआत में 8.5 करोड़ बताई गई थी मगर इसमें कई बार किए गए संशोधनों से यह करीब 26 करोड़ तक पहुंच गई है। इसमें भी शुरूआती करीब 150 मीटर तक तो इस रोड को बना दिया गया है मगर आगे की तरफ काम की गति बेहद धीमी कर दी गई है। बने हुए हिस्से में सुबह शाम लोग टहलते देखे जा रहे हैं।

फैक्ट फाइल

5 करोड़ रुपए थी बस स्टैंड से नौदरापुल तक लागत

8.5 करोड़ थी बस स्टैंड से भातखंडे संगीत महाविद्यालय तक की लागत

26 करोड़ हुई बस स्टैंड से भाखंडे संगीत महाविद्यालय तक की लागत

150 मीटर ही तैयार हो पाया है यह प्रोजेक्ट

4 प्रोजेक्ट पर होना था काम

2 शुरू किए पर दोनों 4 साल बाद भी हैं अधूरे