पहले आॅब्जर्व करें, फिर पेपर पर उकेरें आइडिया

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पहले आॅब्जर्व करें, फिर पेपर पर उकेरें आइडिया

ग्वालियर। इंटीरियर आर्किटेक्चर, आर्ट और साइंस के बीच का बैलेंस है जो इंटिरियर स्पेस को बेहतर रूप से डिजाइन करता है। यह आर्किटेक्चर और इंटीरियर यानि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन और इंटीरियर डिजाइनिंग दोनों से संबधित है। अपने प्रोजेक्ट शुरूआत से लेकर लास्ट तक परफेक्टली करने के लिए आपको बेसिक नॉलेज और स्टैंडर्ड मानकों के अनुसार काम करना बहुत जरूरी है। युवा डिजाइनर होने के नाते हर प्रोजेक्ट को ध्यान से देखने और समझने की जरूरत है। हम क्लाइंट और कम्युनिटीज के लिए सहयोग करते हैं। हमारा उद्देश्य शहरों और लोगों की लाइफस्टाइल में बेहतर बदलाव लाते हैं और आवश्यकतानुसार सुधार करते हैं। हम क्लाइंट की पसंद और अपनी तरफ से बेहतर डिजाइन करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करते हैं। इसलिए आॅब्जर्वेशन और फिर आइडिया डवलप करना बहुत जरूरी है इंटीरियर से सम्बंधित नए डिजाइनर्स को कुछ ऐसी ही जानकारी दे रहे थे प्रसिद्ध आर्किटेक्चर कुलवीर सिंह, वे आईटीएम यूनिवर्सिटी के स्कूल आॅफ आर्ट्स एंड डिजाइन के स्टूडेंट्स से वेबीनार के माध्यम से रूबरू थे। इस दौरान स्टूडेंट्स ने उनसे कई सवाल किए। स्पेस के अनुसार करें डिजाइन प्लानिंग: स्पेस की जरूरत के अनुसार स्पेस प्लानिंग करना इंटीरियर डिजाइनिंग में बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहां डिजाइनर या आर्किटेक्ट की भूमिका बहुत अहम हो जाती है कि वो स्पेस की जरूरत के अनुसार डिजाइन प्लान करे।