एक दिन में लाइसेंस, काम नहीं करने पर कटेगा वेतन

एक दिन में लाइसेंस, काम नहीं करने पर कटेगा वेतन

 भोपाल  । प्रदेश में अब सभी प्रकार की दुकानें सुबह 6 से रात 12 बजे तक खुलेंगी। इसके पहले यह समय सुबह 8 से रात 10 बजे तक था। लेकिन हॉटस्पाट और रेडजोन इलाकों में दुकानों के खुलने का निर्धारण जिला कलेक्टर कानून और व्यवस्था को देखते हुए लेंगे। सरकार ने कारखानों और उद्योंगो को लेकर भी कई निर्णय लिए हैं। निवेश को आगे बढ़ाने के लिए भी श्रम कानूनों में परिवर्तन किए गए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को फेसबुक लाइव से श्रम कानूनों में किए गए संशोधन और बाजारों के खुलने को लेकर लिए गए निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बंद आर्थिक गतिविधियों को गति देने की ऐसी अभिनव पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।  दफ्तरों  के चक्कर लगाने के काम से मुक्ति दी गई है।

 उद्योग : काम पर नहीं आने पर कटेगा वेतन 

मध्यप्रदेश श्रम विभाग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कल-कारखानों, वाणिज्यिक संस्थानों, दुकानों पर काम पर नहीं आने वाले श्रमिकों का वेतन काटने का अधिकार संस्थानों को दिया है। कारखानों, संस्थान जिन्हें चालू करने की अनुमति है, उनमें भी कर्मकार नहीं आ रहे हैं। ऐसे अनुपस्थित रहने वाले श्रमिकों, कर्मकारों का वेतन काटा जाएगा। इस आदेश से उद्योग जगत को बहुत बड़ी राहत मिली है और व्यवसायियों ने इस कदम को स्वागत योग्य करार दिया है कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर भोपाल में जरूरी सेवाओं वाली सभी दुकानें जैसे दूध, फल-सब्जी, मेडिकल स्टोर सुबह 7 बजे से रात्रि 12 बजे तक खुले रह सकते हैं। जिन दुकानों को खोलने की अनुमतियां दी हैं, वे सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही खुलेंगी। बाकी बंद रहेंगी। तरुण पिथौड़े, कलेक्टर भोपाल

सरकार के अहम निर्णय जो लाएंगे बदलाव

दुकानों के खुले रहने का समय सुबह 6 से रात 12 बजे तक रहेगा। कारखानों में कार्य कीशिफ्ट आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे होगी। कारखाना मालिक अब खुद शिफ्ट परिवर्तित कर सकेंगे।

 12 घंटे की शिफ्ट

कारखानों में शिफ्ट 8 घंटे से बढ़कर 12 घंटे की होंगी। सप्ताह में 72 घंटे की ओवरटाइम की मंजूरी। कारखाना नियोजक शिफ्टों  में परिवर्तन कर सकेंगे।

नियम सरल हुए

कारखानों, दुकानों, ठेकेदारों, बीड़ी निमार्ताओं, मोटर परिवहन कर्मकार, मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम में आने वाली निर्माण एजेंसियों का पंजीयन/ लाइसेंस एक दिन में मिलेगा। कारखाना लाइसेंस नवीनीकरण अब दस साल में कराना होगा। पूरे ठेका अवधि के लिए लाइसेंस होगा। नए कारखानों का पंजीयन ऑनलाइन ,स्टार्टअप को सिर्फ एक बार रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मध्यप्रदेश औद्योगिक संबंध अधिनियम के प्रावधान शिथिल। कारखानों में ट्रेड यूनियन और कारखाना प्रबंधक अपनी सहूलियत से विवादों का हल कर सकेंगे।

 एक रजिस्टर, एक रिटन

61 रजिस्टर और 13 रिटर्न दाखिल के बजाए एक ही रजिस्टर। एक ही रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था । रिटर्न फाइल करने के लिए स्व-प्रमाणन हो सकेगा।

बार-बार निरीक्षण नही

50 से कम श्रमिकों वाली संस्थाओं का निरीक्षण बार-बार नहीं। बिजली से चल रही इकाइयों को 10 के स्थान पर 50 मजदूरों के नियोजन पर पंजीयन। बिना बिजली वाली इकाइयों में 20 पर पंजीयन। थर्ड पार्टी निरीक्षक से कारखाने का निरीक्षण कराया जा सकेगा। निरीक्षक को पंजीकृत करने का कार्य श्रमायुक्त मप्र से होगा।