115 मेट्रो बसों में सिर्फ 20 के संचालन की मिली अनुमति लोग हो रहे परेशान

115 मेट्रो बसों में सिर्फ 20 के संचालन की मिली अनुमति लोग हो रहे परेशान

जबलपुर । शहर का सार्वजनिक परिवहन महज 20 मेट्रो बसों के सहारे चल रहा है। अनलॉक होने के बाद कामकाज को निकलने वाले लोगों का दिन ब दिन दबाव बढ़ रहा है जिसके चलते इतनी कम मात्रा मे चल रही मेट्रो बसें पर्याप्त नहीं हैं। इसमें भी मात्र आधी क्षमता से बसों में सवारियां ली जाती हैं,ऐसे में आॅटो चालकों की चांदी हो गई है जो मनमानी सवारियां भरकर मनमाने रेट भी वसूल रहे हैं। शहर में 115 मेट्रो बसें हैं जिनमें से 50 बड़ी व 65 छोटी मेट्रो बसें हैं। इनमें से करीब 20 फीसदी बसें कंडम हो चुकी हैं और डिपो में ही खड़ी रहती हैं। इसके बावजूद करीब 85 बसें आॅन रोड चलने के लायक हैं जिनका संचालन 4 आॅपरेटरों के द्वारा किया जाता है। 3 माह से लॉक डाउ न के चलते सभी बसों का संचालन बंद है। अन लाक होने के बाद 20 बसों को चलाने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी है जिसके जिसमें शर्तों के साथ सफर संभव है। इसमें सवारी को आॅन लाइन पेमेंट एप के द्वारा करना होता है जो सबके लिए संभव नहीं है। इसमें तो परिचालक पैसे लेकर यात्रियों को यात्रा करने दे रहे हैं मगर वे पूरी बस नहीं भरते। आधी सवारियों के साथ ही बसें चल रही हैं।

कमी का उठा रहे पूरा फायदा

बसों की कमी का फायदा पूरी तरह से आॅटो वाले उठा रहे हैं जो हर रूट पर चल रहे हैं। इनके लिए सोशल डिस्टैंसिंग भी मायने नहीं रखती और ये क्षमता से अधिक सवारियां भी बैठा रहे हैं। ये मनमाना पैसा भी सवारियों से वसूल करते हैं,जो लोगों की मजबूरी बना हुआ है।

इसलिए हो रही दिक्कत

शहर में रोजाना हजारों लोग मेट्रो बसों से ही अपने कामकाज के लिए निकलते व लौटते रहे हैं। अब अनलाक की स्थिति में इनकी संख्या में भी इजाफा हो चुका है मगर बसों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है। ऐसे में लोगों को अपने कार्यस्थल तक जाने व लौटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

इन रूटों पर चल रहीं बस

जेसीटीएसएल से मिली जानकारी के अनुसार चलने वाली 20 मेट्रो बसों को केवल 4रूटों पर ही चलाया जा रहा है जिसमें से महाराजपुर से रेलवे स्टेशन,रेलवे स्टेशन से रांझी, मेडिकल रूट पर ही बसें चल रही हैं ऐसे में शहर के बाकी 24 रूट अछूते हैं। यहां सिर्फ आॅटो ही आवागमन का साधन बना हुआ है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जिनके पास अपने वाहन हैं वे भी सार्वजनिक परिवहन की तलाश में हैं। हालाकि कोरोना संक्रमण के चलते लोग सार्वजनिक परिवहन में नहीं जाना चाहते मगर पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें उनके हौसले पस्त किए हैं और वे खतरा उठाकर भी मेट्रो बसों में चलने के लिए तैयार हैं।

फैक्ट फाइल

115 कुल मेट्रो बसें हैं शहर में

85 बसें चलने की स्थिति में हैं

20 बसें ही चलाई जा रही हैं

50 फीसदी क्षमता से ही चलाई जा रही मेट्रो बसें

4 रूटों पर ही चल रहीं बस