गेहूं-धान रिजेक्शन को लेकर आक्रोश किसानों ने कलेक्टर से की मुलाकात

जबलपुर । जिले में धान और गेहूं खरीदी के दौरान नोडल अधिकारी ,केन्द्र प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों की देखरेख में किसानों की उपज की खरीदी संपंन हुई थी। इसके बाद धान खरीदी के बाद अब गेहूं खरीदी में भी अनियमितताएं सामने आई है। ताजा मामला अब गेहूं खरीदी का आया है जहां पर किसानों का 3 हजार क्विंटल गेहूं को अमानक करार दे दिया गया। साथ ही किसानों का 5 करोड़ 91 लाख 83 हजार रुपए से ज्यादा का भुगतान रोक दिया गया है। जिससे किसानों में आक्रोश है। भारतीय किसान संघ के साथ किसानों ने शनिवार को कलेक्टेÑट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर भरत यादव से मुलाकात की और इस समस्या से अवगत कराया। इस दौरान किसानों ने बताया कि कलेक्टर ने खरीदी प्रबंधकों को नोटिस जारी कर किसानों को उनकी उपज का भुगतान करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने खरीदी प्रबंधकों को कहा है कि किसानों का भुगतान व गेहूं को चाहे बाजार में विक्रय करे या नीलाम करे परंतु भुगतान जल्द कराए। जांच करके खरीदा गेहूं फिर भी अमानक गौरतलब है कि खरीदी केन्द्रों में सर्वेयर से लेकर अन्य की मौजूदगी में किसानों से गेहूं खरीदा गया इसके बाद बकायदा पर्ची दी गई। परंतु गोदाम में पहुंचने के बाद गेहूं को अमानक बताया जा रहा है। जिसके कारण किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि जो नोडल अधिकारी या फिर जिम्मेदार लोगों के सामने गेहूं खरीदा है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। नाकि किसानों का भुगतान रोकर उन्हें परेशान किया जाए। पहचान के लिए नम्बर या टैग नहीं लगाया गया भारतीय किसान संघ ने आरोप लगाया है कि केन्द्र प्रभारी व्यापारियों का अमानक गेहूं खरीद लिया है यहां तक कि सिंगौद,नुनियांकला में घुन लगा गेहूं और मिट्टी मिला गेहूं तक खरीदने की शिकायतें आई थी। इसके बावजूद भी अमानक गेहूं खरीदने में रोक नहीं लग पाई और किसानों के साथ अब छलावा किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि सबसे ज्यादा नुनियांकला केन्द्र का गेहूं अमानक पाया गया है। यह गड़बड़झाला केन्द्र प्रभारियों और प्रबंधकों के द्वारा किया गया। जिसका खामियाजा अब बेकसूर किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
10 दिन में नहीं हुआ भुगतान तो देंगे धरना
भारतीय किसान संघ के प्रांतीय प्रचारक ने बताया कि अगर जिला प्रशासन 10 दिनों के भीतर किसानों का बकाया राशि का भुगतान नहीं किया तो उनके द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।
उड़ना मेढ़ी केन्द्र प्रभारी, नोडल अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू
पाटन थाना प्रभारी शिवराज सिंह ने बताया कि उड़ना मेढ़ी खरीदी केन्द्र के प्रभारी,नोडल अधिकारी और आपरेटर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिवेदन दिया गया है। परंतु अनियतिताएं और 420 की जांच शुरु कर दी गई है। इसके बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी। मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इसी तरह प्रशासन सिंगौद केन्द्र प्रभारी और प्रबंधक के खिलाफ भी थाने में प्रतिवेदन दिया था,लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई। यहीं हाल पाटन के उड़ना मेढ़ी केन्द्र में भी एफआईआर दर्ज करने के लिए हीलाहवाली की जा रही है। जबकि कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज कराने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
कुछ किसान आए थे भुगतान रोकने की समस्या लेकर। सोसाटियों को नोटिस जारी कर जल्द किसानों को गेहूं नीलाम करके या फिर विक्रय करके भुगतान करने के निर्देश दिए गए है। -भरत यादव , कलेक्टर
किसानों का गेहूं गोदामों से वापस कर परेशान किया जा रहा है,साथ ही अमानक बताकर भुगतान रोक लिया गया है। जिसके कारण कलेक्टर से मुलाकात की और 10 दिनों के भीतर समस्या से निजात दिलाने की मांग की है,नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। -राघवेन्द्र पटैल, प्रांत प्रचारक,भाकिसं
करीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों का रोक लिया गया है जिसके चलते कलेक्टर से मुलाकात की है और जल्द भुगतान कराने की मांग की गई है। -भरत पटेल, किसान