बाहरी छात्र विवि में आ रहे हैं, किसी को कोरोना हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा
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ग्वालियर। जीवाजी विवि में बुधवार को समस्या के निराकरण के लिए पहुंचे छात्रों और गार्डों के बीच प्रशासनिक भवन में जाने को लेकर झड़प हो गई। कर्मचारी नेताओं ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए छात्रों के प्रशासनिक भवन में आने पर आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद अधिकारियों ने निर्णय लिया गया कि छात्रों से समस्या से संबंधित आवेदन आॅनलाइन लिए जाएंगे, उन्हें विवि में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। विवि ने छात्रों को आवेदन करने के लिए महिला कर्मचारियों के वॉट्सएप नंबर भी जारी किए हैं, जिन पर छात्र समस्या से संबंधित आवेदन भेज सकते हैं, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं होने और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर छात्रों को मजबूर होकर विवि आना पड़ता है। उच्च शिक्षा विभाग ने बुधवार को विश्वविद्यालयों में कामकाज को लेकर आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि इंदौर, भोपाल, उज्जैन के अलावा दूसरे जिलों के विवि और कॉलेज पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे।
रिजल्ट निकालने के क्या फायदा है, जब टीआर ही नहीं
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि शासन ने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं तो रिजल्ट क्यों निकाले जा रहे हैं, जबकि टेबलेशन रजिस्टर आ नहीं रहे। जिन छात्रों का रिजल्ट विदहेल्ड है या वह रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं तो छात्र विवि आएंगे ही, इसलिए रिजल्ट नहीं निकाले जाएं। विवि के परीक्षा और गोपनीय विभाग में छात्र समस्या निराकरण के लिए घुसे रहते हैं अगर कोई संक्रमित छात्र के कारण कर्मचारी संक्रमित हो गए तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। दिल्ली से एक छात्र प्रोफेशनल कोर्स की मार्कशीट बनवाकर ले गया, जबकि सभी को पता है कि कोरोना को लेकर दिल्ली की स्थिति कितनी खराब है। छात्रों के विवि में आने से कई प्रकार की परेशानी होती है, इसलिए निर्णय लिया गया है कि छात्रों से समस्या से संबंधित आॅनलाइन लिए जाएंगे। विवि की वेबसाइट पर लिंक दी जाएगी। राजीव मिश्रा, डीआर जेयू विवि में बाहरी छात्र आकर काम करा रहे हैं। अगर कर्मचारी संक्रमित हो गए तो कौन जिम्मेदार होगा। इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। छात्रों के आने पर रोक नहीं लगाई तो कर्मचारी काम नहीं कर पाएंगे।
बुजुर्ग शिक्षकों को करेक्शन करने क्यों बुलाया जा रहा है?
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि शासन कोरोना को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है, उसमें 60 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को घर पर रहने की बात कही गई है, क्योंकि यह लोग कोरोना से जल्द संपर्क में आ सकते हैं मगर विवि में चार्ट में करेक्शन करने के लिए 80 साल के शिक्षकों को बुला रहा है साथ ही जो कर्मचारी रेड जोन में हैं, उन्हें भी विवि बुलाया जा रहा है। यह ठीक नहीं है।