ग्वारीघाट में ओवर लोड चल रही नावों पर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं

जबलपुर । नर्मदा तट के सबसे व्यस्त घाट ग्वारीघाट में नाव वाले अधिक कमाई के चक्कर में ओवरलोड नाव चला रहे हैं। चाहे सैर करने आने वाले हों, या नित्य यहां से उस पार या उस पार से इस पार आने वाले वाहनों को पार उतारने के लिए वे क्षमता से अधिक वाहन या सवारियां ढोकर अपनी जेब तो भरते हैं मगर इसमे आसन्न हादसे से वे बेखबर हैं। वहीं जिम्मेदारों ने भी अपनी आंखें मूंद रखी हैं। जानकारी के अ नुसार ग्वारीघाट में करीब 200 नावों का प्रतिदिन संचालन होता है,इसमें से एक ज्वाइंट नाव है जिसमें दो नावों को एक कर इसमें वाहनों को रखकर इस पार से उस पार या उस पार से इस पार लाया ले जाया जाता है। यहां पर नाव चलाने का ठेका किशन मल्लाह का बताया जा रहा है। हर व्यक्ति से 10 रुपए प्रति वाहन दो पहिया का चार्ज लिया जाता है। सुरक्षा के नाम पर नावों में केवल इक्का-दुक्का ट्यूब ही होता है बाकी भगवान भरोसे आवाजाही होती है।
मोटर बोट बनी शोपीस
ग्वारीघाट में शासन ने आकस्मिक परिस्थितियों के लिए 1 मोटर बोट तो तैनात की है मगर यह कभी किसी को चलती नजर नहीं आती। स्थानीय लोगों के अनुसार पखवाड़े में एकाध बार थोड़ी देर के लिए यह चलती है। दरअसल मोटर बोट के लिए पेट्रोल की जिम्मेदारी उठाने को लेकर दो विभागों में रस्साकसी चलती है जिसके कारण इसका संचालन ठप रहता है। इसके लिए होमगार्ड सैनिकों को तैनात किया गया है।
मुंह मांगी राशि वसूलते हैं यहां
पर नर्मदा में सैर करने आने वाले लोग परिवार के साथ जब नाव बुक करते हैं तो उनसे मुंहमांगी राशि वसूली जाती है,अन्यथा कम से कम 20 रुपए प्रति सवारी लिए जाते हैं। अच्छे से घुमाने के नाम पर लोग मुंह मांगी राशि दे भी देते हैं।
फैक्ट फाइल
200 नावों का प्रतिदिन संचालन
2 नाव जोड़कर तैयार की है वाहन लाने ले जाने व्यवस्था
10 रुपए प्रति दो पहिया वाहन है शुल्क
20 रुपए प्रति यात्री लिया जाता है नौकायन का शुल्क
1 मोटर बोट घाट पर है मगर चलती नहीं है