कटंगी आश्रम में दी गई स्वामी प्रज्ञानंद महाराज को समाधि

जबलपुर ।देश सहित समूचे विश्व में सनातन धर्म की ध्वजा फहराने वाले स्वामी प्रज्ञानंद महाराज को सोमवार को कटंगी स्थित आश्रम में समाधि दे दी गई। इसके पहले महाराजश्री की पार्थिव देह को श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ हेतु रखा गया था, जहां पर सैंकड़ों लोगों ने नमन करते हुए गुरुवर को अंतिम विदाई दी। बताया जाता है कि दिल्ली स्थित आश्रम में स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने शनिवार को अंतिम सांस ली, इसके बाद उनकी पार्थिव देह को सड़क मार्ग से कटंगी आश्रम रविवार को अपरान्ह तीन बजे के लगभग लाया गया।अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, जिन्होने नम आंखों से गुरुवर को अंतिम विदाई देते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की, इसके बाद आश्रम के पीछे ही मैदान में स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज को समाधि दी गई, ब्रम्ह में लीन हुई ज्योति को लोगों ने अंतिम श्रद्धाजंलि दी। गौरतलब है कि गुरुवर को श्रद्धांजलि देने के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की अपील की गई थी, लेकिन गुरुवर के प्रति श्रद्धा के भाव के आगे लोगों को कुछ नहीं सूझ रहा था, वे बस गुरुदेव के अंतिम दर्शन करने के लिए आगे बढ़ते ही जा रहे थे। स्वामी प्रज्ञानंद महाराज को सांसद राकेशसिंह, कलेक्टर भरत यादव, सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने भी श्रद्धांजलि दी।
ये संत रहे उपस्थित
विश्व संत को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी अनंत यात्रा में सम्मिलित होने बड़ी संख्या में देश के अलग-अलग हिस्सों से संत पहुंचे। जिन्होंने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दिवंगत महाराज प्रज्ञानंद का अभिषेक किया। इसके पश्चात उन्हें समाधि दी गई। इस मौके पर स्वामी अवधेशानंद गिरी,साध्वी विभानंद गिरी,भास्कर आनंद गिरी,चक्र आनंद गिरी,पटियाला से आई प्रज्ञा गिरी,स्वामी अखिलेश्वर आनंद, प्रहलाद दास, कालीनंद गिरी, पगलानंद, श्रद्धा गिरी, साध्वी उमा गिरी, छतरपुर से मनोज त्रिवेदी गोकु ल शर्मा,एनके त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
21 बार किया राजसूय महायज्ञ
स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने अपने जीवनकाल में कटंगी में 21 राजसूय यज्ञ किए हैं। महाशिवरात्रि के पर्व पर होने वाले विराट महारूद्र यज्ञ आयोजन में जिले के साथ प्रदेश के कई शहरों से श्रद्धालु शामिल होते रहे हैं।