गंगा माईया का पंचअमृत अभिषेक किया
Panchamrit Abhishek

ग्वालियर। गंगा दशहरा के अवसर पर भाऊ का बाजार स्थित 125 साल पुराने गंगा मंदिर में सोमवार को सुबह बेला में मां गंगा माईया का महिलाओं ने मंत्र उच्चरण के साथ पंचअमृत से अभिषेक किया। अभिशेक उपरांत मां गंगा माईया का विशेष श्रृगांर कर आरती उतारी। लॉकडाउन पर मंदिर के बाहर से श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर माथ टेकर दर्शन किए। सोमवार को सोश्ल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिर के महंत पुजारी किरण शर्मा ने मंत्रउच्चारण के साथ मां गंगा माईया का जल, दूध, घी, दही, चंदन, केशर, गन्ने का रस आदि सहित पंचअमृत से अभिषेक किया गया। अभिषेक और पूजा-अर्चना उपरांत शहर में कोरोना वायरस महामारी संकट से मुक्ति दिलाने के लिए मां गंगा माईया से मनोकामना की। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने गंगा माईया की आरती उतारी। महिलाओं ने ढोलक की थाप पर मां गंगा माईया के भजनों पर महिलाओं ने भक्ति विभोर होकर किर्तन में गंगा माईया की भेटें गाई और नृत्य किया, जिसके बाद प्रसादी का वितरण किया गया।
स्नान करने से 10 प्रकार के पाप नष्ट होते हैं
मंदिर की संस्थापक किरण देवी शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को संवत्सर का मुख्य कहा गया है, इसलिए इस दिन स्नान और दान देने के विशेष महत के चलते भक्त ब्राह्मणों को सुराही, मटकी, पंख, आम, सत्तू आदि वास्तुओं का दान करते हैं। बारह पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, बुधवार के दिन हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से धरती पर गंगा का अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा पर इस पवित्र नदी में स्नान करने से 10 प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। 10 पापों में 3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक पाप होते हंै। गंगा स्नान से इन सभी को पापों से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।