44 पीपों पर बना पैंटून पुल हटाया, रोजाना सात हजार लोगों को आएगी परेशानी

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44 पीपों पर बना पैंटून पुल हटाया, रोजाना सात हजार लोगों को आएगी परेशानी

ग्वालियर। मध्यप्रदेश और उत्तप्रदेश को जोड़ने वाले उसैद-पिनाहट के बीच चंबल नदी पर बना अस्थायी पैंटून पुल पीडब्ल्यूडी आगरा ने हटा दिया है। मानसून की घोषणा के साथ ही इस पार से उस पर हर रोज आने-जाने वाले पांच से सात हजार लोगों के सामने विकल्प की समस्या खड़ी हो गई है। यह पुल मानसून समाप्त होने पर 30 सितंबर से फिर बनना शुरू हो जाएगा। चंबल नदी पर पैंटूनपुल उत्तरप्रदेश लोक निर्माण विभाग के आगरा डिवीजन द्वारा बनाया गया था। इसलिए मानसून की घोषणा होते ही विभागीय स्तर पर पुल को खोलना शुरू हुआ और अब नदी का पूरा रास्ता खाली कर दिया है। 44 पीपों को जोड़कर 700 मीटर लंबा यह अस्थायी पुल मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के रोजाना पांच से सात हजार लोगों को रास्ता पार कराता है। दुपहिया से लेकर चार पहिया और बड़े वाहन भी इस पर आसानी से गुजरते रहे हैं।

74 किमी का फेरा बढ़ेगा यात्रियों का 
अभी तो अंबाह के उसैद घाट से पिनाहट पहुुंचकर आगरा जाने का सीधा आसान रास्ता है। इस रास्ते से लोग आगरा ही नहीं बल्कि दिल्ली तक का सफर करते हैं। पुल खुलने के बाद अब मुरैना जिले के लोगों को चंबल के राजघाट पुल होकर धौलपुर के रास्ते से आगरा जाना पड़ेगा । इसी तरह भिंड जिले के लोगों को अटेर घाट बरई होते हुए इटावा या बाह होते हुए आगरा  पहुंच सकेंगे। दोनों साइड से इस फेरे में 74 किलोमीटर की दूरी बढ़ जाती है।

मानसून की विदाई पर बनना शुरू होगा फिर 
पैंटून पुल मानसून की विदाई के साथ दुबारा यानि 30 सितंबर के बाद से नए सिरे से बनना शुरू किया जाएगा। इस पुल में प्रयुक्त किए गए 44 पीपे, पाट, बल्ली सहित अन्य सामग्री उसैद घाट और पिनाहट घाट दोनों जगह रखवा दी गई है।
सवारियों को नए स्थाई पुल की दरकार
मुरैना और भिंड जिले के लोगों को आगरा जाने का उसैद घाट वाला पुल आसान रास्ता है। इस रास्ते पर सेतु निगम ने 700 मीटर लंबा पुल प्रस्तावित भी किया है। पिनाहट साइड पर स्थायी पुल के आधे अधूरे पिलर बने हुए भी दिखाई देते हैं। वैसे पुल का काम मार्च माह से जोरशोर से शुरू होना था लेकिन लॉक डाउन के कारण पुल निर्माण का काम भी अधर में लटक गया।