छुटपुट कामों में भी आडे आ रही आर्थिक तंगी एक लाख के काम में भी कमिश्नर की अनुमति जरूरी

छुटपुट कामों में भी आडे आ रही आर्थिक तंगी एक लाख के काम में भी कमिश्नर की अनुमति  जरूरी

जबलपुर । इन दिनों नगर निगम की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। आलम यह है कि 1लाखरुपए तक के प्रस्ताव तक निगमायुक्त अनूप कुमार सिंह देख रहे हैं। कोरोना काल में आय के जरिये बंद हो चुके हैं और नगर निगम टैक्स वसूली के लिए जी-तोड़ कोशिशों में जुटा हुआ है। गैर जरूरी खर्च कम कर दिए गए हैं। इसी तरह भुगतानों पर भी लंबे समय से रोक लगी हुई है। बीते साल में टैक्स वसूली जो कि साढ़े 3 सौ करोड़ आनी थी डेढ़ सौ करोड़ ही आई। इससे आर्थिक व्यवस्थाएं लड़खड़ा गर्इं। बकाया वसूली को लेकर अब निगमायुक्त नेसख्ती बरती है। वहीं अउट सोर्स कर्मचारियों को कम किया जा रहा है। इनमें सुरक्षा गार्ड,अन्याक्रान्ति में लगे कर्मचारी,कंप्यूटर आॅपरेटर व अन्य विभागों में लगे ठेका कर्मियों की छंटनी की जा रही है। नगर निगम में कर्मचारियों के वेतन के अलावा सभी प्रकार के भुगतानों पर महीनों से रोक लगी हुई है।

प्रशासक ने भांपी थी स्थिति

इस बारे में नगर निगम के प्रशासक के प्रभार में चल रहे संभागायुक्त महेश चंद्र चौधरी ने आर्थिक समस्या को समय रहते भांप लिया था और उन्होंने करीब 2 माह पूर्व ही अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाने के निर्देश दे दिए थे। उन्हीं के निर्देश पर अधिकारियों क ो दिए गए वाहन वापस ले लिए गए हैं। आय के साधन बढ़ाने के लिए भी उन्होंने खुद प्रयास किए।

ये खर्चे हुए कम

200 से 100 की जा रही कंप्यूटर आॅपरेटरों की संख्या

50 से अधिक वाहन ले लिए गए हैं वापस जो कि किराए के थे।

150 में से 75 अन्याक्रान्ति के ठेका कर्मियों की सेवाएं समाप्त।

12 हजार 400 रुपए वसूला जाएगा आज से हर अवैध नल को वैध करने का चार्ज।

16 जोनों में हर दिन 16 लाख रुपए वसूलने का दिया गया जलशुल्क का लक्ष्य।