पोखरण-बालासोर में धनुष गर्जना की तैयारी

जबलपुर । स्वदेशी तोप धनुष की गूंज बहुत जल्दी पोखरण और बालासोर में सुनाई दे सकती है, पांच माह से टल रहे परीक्षण को लेकर एक बार फिर अंतिम दौर की तैयारियां शुरू हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार इस माह कभी भी तोप फायरिंग रेंज में एक बार फिर अपना दमदख दिखाएगी। देशी की सीमा पर बढ़ते तनाव को भी इस टेस्टिंग की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि धनुष तोप का परीक्षण मार्च माह में होना था, लेकिन अचानक लॉक डाउन हो जाने के कारण इसे टाल दिया गया।
हर तापमान में टेस्टिंग जरूरी
जानकारों के अनुसार धनुष तोप को हर तापमान में टेस्ट किया जाता है, पूर्व में देश के राजस्थान, असम और उड़ीसा में परीक्षण किया गया, जिसके बाद सेना के सुपुर्द भी तोपों को किया गया है।
फर्स्ट फेस में 114 तोप
मालूम हो कि भारतीय सेना के लिए धनुष के टेस्ट में पास हो जाने के बाद अब पहले फेस मे कुल 114 तोपे बनाई जाएंगी, जबकि कुल टार्गेट 414 तोपों का है।
देश की पहली स्वदेशी तोप
सेना के तोपखाने में जितनी भी तोपे हैं, उनमें सबसे ज्यादा मारक क्षमता 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप की है। इसे ठीक सटीक निषाने पर करीब 36 किलोमीटर तक की रेंज में विध्वंस मचाया जा सकता है।
बालासोर में 20 मार्च से टल रही टेस्टिंग
जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) से बालासोर पहुंची तोप को 20 मार्च को उड़ीसा के बालासोर में धनुष तोप का परीक्षण किया जाना था, लेकिन लॉक डाउन के चलते तोप फायरिंग रेंज में ही खड़ी हैं।