प्रोफेसर ने खुद को कमरे में बंद कर लगाई फांसी

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प्रोफेसर ने खुद को कमरे में बंद कर लगाई फांसी

ग्वालियर।  इंदरगंज थाना इलाके में रहने वाले एक प्रोफेसर ने खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव का पीएम करवाने के उपरांत मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में ले लिया है। शिंदे की छावनी स्थित खल्लासीपुरा में रहने वाले 42 वर्षीय डॉ.नवीन पुत्र रमाकांत भार्गव शहर की एक निजी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे, बीती रात भोजन करने के बाद कुछ देर तक वह टीवी देखते रहे, उसके बाद अपने कमरे में चले गए। घर का काम निपटाने के बाद जब उनकी पत्नी रीना ने कमरे तक पहुंची, तो उसका गेट भीतर से बंद था, इस पर रीना ने गेट पर दस्तक दी, लेकिन भीतर से कोई उत्तर नहीं मिला, इसके बाद उन्होंने अपने ससुर को बुलाया, तो उन्होंने भी वहां आकर नवीन को काफी आवाजें लगार्इं, लेकिन भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं होने पर उन्होंने रोशनदान से झांककर देखा, तो नवीन फांसी के फंदे पर झूलता नजर आया, यह नजारा देख घर में कोहराम मच गया, शोरगुल सुनकर आसपास के लोग भी वहां पहुंच गए, जिन्होंने तुरंत पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को उतारकर पीएम हेतु पहुंचाने के उपरांत मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में ले लिया है।

मृतक के हैं एक पुत्र व एक पुत्री

प्रोफेसर डॉ.नवीन भार्गव के एक पुत्र और पुत्री हैं। बेटे के हायर सेकंडरी की परीक्षा चल रही हैं, जबकि पुत्री दसवीं कक्षा में है। वहीं नवीन के पिता भी एजी आॅफिस से अधिकारी के पद से रिडायर्ड हुए हैं। जिससे परिवार में पैसों को लेकर भी कोई समस्या नहीं थी। मोहल्ले वालों के मुताबिक नवीन का व्यवहार भी काफी मिलनसार था, फिर उसने यह कदम क्यों उठाया है, यह सवाल सभी को परेशान किए हुए है। वहीं उच्च शिक्षित होने के बावजूद उसने कोई सुसाइड नोट भी नहीं छोड़ा है। फिलहाल परिवार के शोकाकुल होने के कारण पुलिस परिजनों से कोई पूछताछ नहीं कर सकी है। निजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है, मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, फिलहाल हमने शव का पीएम करवाकर मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में ले लिया है।