पंजाब के गेहूं खरीदी का सिस्टम अपनाएगी सरकार, अधिकारी जाएंगे अध्ययन करन

भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रियों की बैठक में मध्यप्रदेश में गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी को लेकर प्रेजेंटेशन दिया गया। मप्र ने इस साल गेहूं खरीदी में पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पंजाब में गेहूं उपार्जन का कार्य प्रायवेट आढ़तियों के माध्यम से किया जाता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी पंजाब जाकर वहां के सिस्टम का अध्ययन करें और इसके बाद मप्र में बेस्ट प्रेक्टिसेस को अपनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गेहूं का परिवहन नहीं हो सका है, उसे शीघ्र भंडार गृहों तक पहुंचाएं । बताया गया कि 95 प्रतिशत से अधिक गेहूं का परिवहन हो गया है।
मजदूरों को नि:शुल्क राशन
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय से वीसी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत प्रवासी मजदूरों एवं मप्र में रुके अन्य राज्यों के मजदूरों को मई, जून का नि:शुल्क राशन का प्रदाय प्रारंभ किया। इन मजदूरों को 5 किलो प्रतिमाह प्रति सदस्य के मान से 10 किलो गेहूं एवं 2 किलो चना दिया जा रहा है।
मप्र का कोरोना ग्रोथ रेट काफी कम
सीएम ने कहा, मप्र की कोरोना ग्रोथ रेट पूरे देश की दर से काफी कम है। मप्र की ग्रोथ रेट 2.74% जबकि देश की 5.4% है। मप्र की कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4.54% वहीं देश की 5.43% है। 68.3% रिकवरी रेट के साथ मध्यप्रदेश भारत में दूसरे नंबर पर आ गया है, पहले स्थान पर राजस्थान है।