कागजों में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने पर उठे सवाल

Questions raised on accrediting nursing colleges running on paper

कागजों में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने पर उठे सवाल

ग्वालियर म.प्र. नर्सिंग काउंसिल ने ऐसे नर्सिंग कॉलेजों को सत्र 2019-20 की मान्यता प्रदान कर दी है जो सिर्फ कागजों में चल रहे हैं। कॉलेजों में नियम के तहत भवन, अस्पताल, शिक्षक, हॉस्टल व अन्य जरूरी चीजें नहीं है, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के 448 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दे दी गई है। 448 कॉलेजों में ग्वालियर के 76 वह कॉलेज भी शामिल हैं, जिन्में फर्जी अस्पताल होने पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी। कोरोना वायरस के कारण प्रदेश सहित देश भर में लोकडाउन है। स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण मान्यता/संबद्धता देने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों ने कार्रवाई शुरू नहीं की है, क्योंकि मान्यता/संबद्धता देने के लिए स्कूल-कॉलेज का निरीक्षण कराना पड़ेगा, लेकिन प्रदेश की नर्सिंग काउंसिल ने लोकडाउन के समय बिना कॉलेजों का निरीक्षण कराए ही 448 कॉलेजों को सत्र 19-20 की मान्यता प्रदान कर दी है। काउंसिल ने कॉलेजों को मान्यता देने में यह भी देखने की जरूरत नहीं समझी कि कॉलेज मान्यता नियमों को पूरा कर रहे हैं या नहीं? नर्सिंग माफिया ने साठगांठ करके कॉलेजों को मान्यता दिला दी है। नर्सिंग छात्र संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार त्यागी ने फर्जी कॉलेजों की मान्यता निरस्त नहीं किए जाने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। चेतावनी देने वालों में विक्की अरहेला, अभय यादव, राहुल मित्तल शामिल हैं। लोकडाउन में स्कूल-कॉलेज से लेकर सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं, लेकिन इसके बाद भी नर्सिंग काउंसिल ने प्रदेश के 448 कॉलेजों को मान्यता दे दी है। इसमें ग्वालियर के 76 कॉलेज भी है, जिनमें फर्जी अस्पताल होने पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी। फर्जी कॉलेजों की मान्यता निरस्त नहीं की जाती है तो संगठन आंदोलन करेगा।