रतलाम शराब ठेकेदार ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र लॉकडाउन समाप्ति पर शराब दुकानें खोलने को कहा

Ratlam liquor contractor wrote a letter to the Chief Minister asking him to open liquor shops at the end of lockdown

रतलाम शराब ठेकेदार ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र लॉकडाउन समाप्ति पर शराब दुकानें खोलने को कहा

ग्वालियर। लॉकडाउन के लगातार बढ़ने पर प्रदेश आबकारी विभाग के लिए दिक्कते बढ़ना शुरू हो गई है। क्योंकि एक ओर ढेड़ माह से अलीराजपुर के शराब ग्रुप व ड्यूटी न देने पर खरगौन जिले को रि-टेंडर करने पर शराब ठेके लेने वाले नहीं मिल रहे है। तो रतलाम जिले के ठेकेदार ने भी हाथ खड़े कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख दिया है। जिसमें पूर्णत: लॉकडाउन समाप्ति पर ही शराब दुकानें खोलने की अनुमति देने का कहा गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में रतताम जिले में मेसर्स मॉ चामुंडा इंटरप्राइजेज संचालक हरिओम शिवहरे सहित अन्य पार्टनर द्वारा एकल समूह वाले पूरे जिले के शराब ठेके लिए गए है। लेकिन लॉकडाउन -2 के 3 मई 2020 को समाप्त होेने पर कुछ घंटों के लिए टुकड़ों में रतताम जिले की 99 देशी-विदेशी मदिरा की दुकान खोलनें की अनुमति होने पर लाइसेंस फीस व 500 कर्मचारियों के लगे होने पर खर्च न निकलने पर शराब ठेकेदारों के हाथ पैर फूल गए है। जिसके चलते उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सहित वाणिज्यकर विभाग के प्रमुख सचिव सहित आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने बताया है कि लोगों को आने जाने की अनुमति न होने से ड्यूटी देने के लिए ब्रिकी न होने, लोगों की क्रय क्षमता कम होने, धनाभाव से खपत कम होने, बैंकोे के बंद होने पर आॅनलाइन नगदी जमा न होने, बैंक गांरटी नहीं बनने, दुकान संचालन हेतु 500 लोगों का स्टॉफ न मिलने के अलावा पाक्षिक लाइसेंस शुल्क देने व ड्यूटी की खपत आधार पर फीस जमा किया जाना असंंभव बताया गया है। साथ ही ठेके वाले जिलों में दूसरे जिलों से आकर असामान्य परिस्थितियों में दुकानों को पूर्ण रूप से संचालन हेतु लॉकडाउन के दौरान शराब ठेकों का संचालन असंभव बताया है और पूर्ण रूप से लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ही दुकानों को खोलने की अनुमति देने के संबंध में ्िननर्णय हेतु लिखा है।

इनका कहना है

परिस्थितियां विषम है, जिसके चलते ठेकेदारों को बैंक गांरटी व लाइसेंस फीस संबंधी जमा करने में पहले कई तमाम शिथिलता दी गई है। अब इसके बाद भी नया क्या किया जा सकता है। राजेश बहुगुणा, आयुक्त आबकारी, मध्यप्रदेश शासन