दो महीने में जनमित्रों पर नहीं पहुंचे विज्ञप्ति राशि लेने के रसीद कट्टे, प्रोफार्म के लिए बैंक में लगा रहे चक्कर

ग्वालियर। भले ही निगम प्रशासक एमबी ओझा द्वारा नामातंरण विज्ञप्ति की राशि 5000 लेने का संकल्प दो माह पहले पारित कर दिया हो। साथ ही 18 दिन पहले निगमायुक्त संदीप माकिन ने राशि जमा कराने पर ही नामातंरण आवेदन जनमित्र केन्द्रों पर स्वीकार्य लेने के निर्देश दिए हो। लेकिन अभी तक जनमित्र केन्द्रो पर विज्ञप्ति राशि लेने के रसीद कट्टे नहीं पहुंचे है। अह्म्म बात यह है कि निगम के बैंक एकाउंट में भी राशि लेने के लिए अभी तक हेड तय नहीं हो पाया है। निगमायुक्त संदीप माकिन द्वारा अप्रैल 2020 में प्रशासक के संकल्प 19 का हवाला देकर भवन/भूमि व नगर निगम की मासिक लाइसेंस शुल्क/लीज/किराये पर आवंटित दुकानें/पीढ़ियों/चबूतरों के नामातंरण/नामांकन प्रक्रिया को मंहगा करने के चलते विज्ञप्ति हेतु 5000 रूपए आवेदन शुल्क के 50 रूपए के साथ जनमित्र केन्द्रों पर जमा करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके पीछे निगम अधिकारियों का तर्क था कि नामातंरण के बाद संपत्ति के संबंध रखने वाले लोगों की आपत्तियां व न्यायालय में ढेरों केस लगे हुए हैं। ऐसे केसों की लगातार बढ़ती संख्या से बचने के लिए निगम ने शहर के दो समाचार पत्रों में 15 दिन की समयावधि वाली विज्ञप्ति प्रकाशन हेतु अनिवार्य कर प्रत्येक हितग्राही से 5000 रूपए का राशि आवेदन के साथ लेने का आदेश निगम प्रशासक एमबी ओझा से स्वीकृति कराकर जारी किया था, लेकिन इस आदेश के बाद निगम के क्षेत्रीय जनमित्रों केन्द्रों पर एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।
बैंक खाते में नहीं संपत्तिकर राशि का हेड
निगम द्वारा गिनती के आवेदन आने पर अभी अपने अलग अलग बैंक खाते में नामातंरण की राशि जमा करवाकर रसीद के आधार पर फाइल चलाई जा रही है। बैंक में अभी तक कोई भी निर्धारित हेड अथवा एकाउंट तय नहीं हो पाया है। साथ ही हितग्राही मूल जमा राशि पावती की जगह फोटो कॉपी देने पर निगमकर्मियों से उलझता हुआ नजर आ रहा है।
केवल 50 रूपये तक रसीद कट्टा है जनमित्रों पर
निगमायुक्त के आदेश के बाद जनमित्र केन्द्रों पर 5000 नामातंरण राशि लेने के बाद ही आवेदन स्वीकार्य करने के निर्देश दिए हो, लेकिन जनमित्र केन्द्रों पर आवेदन शुल्क के 50 रूपये के रसीद कट्टे ही मौजूद है और अभी तक 5000 की राशि लेने के लिए नए रसीद कट्टे नहीं पहुंचे है।