बृजमोहन नगर में बने गरीबों के मकान का पिलर टूटा बिल्डिंग से बाहर भागे रहवासी

जबलपुर । रामपुर छापर के बृजमोहन नगर की मांडवा बस्ती में बने गरीबों के बहुमंजिला आवासों में से एक बिल्डिंग के ब्लॉक का पिलर मंगलवार-गुरूवार की देर रात ढह गया। नींद में रहे यहां के दर्जनों परिवार घबरा गए और वे बिल्डिंग छोड़कर बाहर निकल आए। वहीं बुधवार को दिन में मौके पर पहुंचकर अधिकारियों ने यहां तत्काल सीमेंट चुपड़ कर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान ली। वहीं यहां रहने वाले लोगों में घबराहट व चिंता स्पष्ट देखी जा सकती है। 5 साल पहले बृजमोहन नगर छापर में ये मकान बनकर तैयार हुए थे। यहां पर दर्जन भर बहुमंजिला आवास हैं जिनकी 4 मंजिलों से प्रत्येक फ्लोर पर 14 परिवार निवास करते हैं। एक भवन में करीब 56 परिवार रहते हैं। ये वे लोग हैं जिन्हें विभिन्न जगहों से विस्थापित किया गया था। इनके आवास को ईडब्ल्यूएस आवास कहा जाता है और इनकी कीमत हितग्राहियों से 1.20 लाख ली गई थी।
शुरूआत से ही उठ रहीं उंगलियां
निवर्तमान पार्षद ठाड़ेश्वर महावर कहते हैं कि जब इन बहुमंजिला आवासों का निर्माण चल रहा था तभी हमने घटिया गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे मगर इन्हें दरकिनार कर दिया गया। बहुमंजिला भवनों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर,वरिष्ठ पार्षद व वर्तमान में उत्तर-मध्य क्षेत्र के विधायक विनय सक्सेना ने भी इन आवासों के घटिया निर्माण पर सदन में भी आवाज उठाई थी।
दहशत की रात
यहां के रहवासी बताते हैं कि आधी रात को जिस तरह पिलर से आवाज आई और पूरा भवन हिल गया इससे सभी दहशत में आ गए और तत्काल बाहर आ गए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उनसे सामुदायिक भवन में जाकर रहने कहा तो यह प्रस्ताव रहवासियों ने ठुकरा दिया। उनका साफ कहना था कि यहीं पर भवन ठीक करवाकर दो। रहवासी किसी दूसरी बिल्डिंग में भी जाकर रहने तैयार नहीं हैं।
ठेकेदार ने अभी नहीं की है बिल्डिंग ननि के हवाले
ननि से मिली जानकारी के अनुसार अभी इस बिल्डिंग को बनाने वाली नोडल एजेंसी नगर निगम है निर्माण का काम गौतम बिल्डर्स,नोयडा के द्वारा किया गया है। अभी तक भवन को ननि के हवाले नहीं किया गया है। हैरत की बात यह है कि यह बिल्डिंग न सिर्फ बनकर तैयार हो गई बल्कि 5 साल से यहां पर लोग रह भी रहे हैं,और अभी तक भवन को ननि के हवाले कर दिया गया
फैक्ट फाइल
12 ईडब्ल्यूएस 4 मंजिला भवन बने हैं
56 परिवार हर बिल्डिंग में रहते हैं
14 परिवार एक फ्लोर में रहते हैं।
1.20 लाख रुपए है लागत हर आवास की।
80 लाख है एक भवन की लागत 2015 से शुरू हुआ था रहवास।