एनजीटी के आदेश-रीस्टोर करो शाहजहांनी पार्क, नगर निगम से पूछा -इसे क्यों उजाड़ा ?

एनजीटी के आदेश-रीस्टोर करो शाहजहांनी पार्क, नगर निगम से पूछा -इसे क्यों उजाड़ा ?

भोपाल। राजधानी के ऐतिहासिक यादगार-एशाह जहांनी पार्क में बन रहे सीवेज प्लांट सहित यहां बने सॉलिड वेस्ट कलेक्शन सेंटर और बायोमीथेनाइजेशन प्लांट को हटाना होगा। साथ ही पार्क को रीस्टोर कर उसे उसकी पुरानी शक्ल देनी होगी। यह फरमान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की प्रिंसिपल बेंच ने नगर निगम, एमपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, पीएचई और भोज वेटलैंड को दो दिन पहले नोटिस थमाए नोटिस में सुनाया है। साथ ही पार्क की बदहाली के लिए जिम्मेदार इन महकमों से एक हμते में जवाब तलब किया है। यादगार-ए-शाहजहांनी पार्क की बदहाली के लिए एनजीटी ने सीधे तौर पर नगर निगम को जिम्मेदार माना है। क्योंकि पार्क के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन निगम ने पार्क को संवारने के बजाए इसे प्रदूषण से भर दिया। यहां दो साल पहले कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाकर हजारों टन कटरा डंप किया गया और उसके बाद निगम ने यहां कचरे से मीथेन गैस बनाने वाला मीथेनाइजेशन प्लांट लगा दिया। इससे भी निगम का दिल नहीं भरा तो निगम ने पार्क में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया। जबकि पार्क के सामने सुल्तानिया और इंदिरा गांधी अस्पताल हैं। यहां दीनदयाल रसोई व रैन बसेरा भी है। इधर, सद्प्रयास संगठन की अगुवाई में रहवासियों सहित समाजसेवियों ने विरोध में धरना प्रदर्शन किए। संगठन के अध्यक्ष अब्दुल जब्बार ने निगम आयुक्त से लेकर नगरीय प्रशासन आयुक्त, प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव तक को अवगत कराया, लेकिन पार्क को बर्बाद किया जाता रहा। इंदिरा गांधी और सुल्तानिया अस्पताल के अधीक्षक ने भी निगमायुक्त को पत्र लिख गुहार लगाई कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और मिथेनाइजेशन प्लांट से प्रदूषण फैल रहा है। इससे अस्पताल में मरीजों के साथ नवजात शिशुओं को संक्रमण का खतरा है, लेकिन निगम पर असर नहीं हुआ। ऐसे में सद्प्रयास संगठन के अध्यक्ष अब्दुल जब्बार सहित अन्य लोगों ने दिल्ली स्थित एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच में याचिका दायर कर दी। इस पर सुनवाई करते हुए बेंच ने दो दिन पहले नगर निगम भोपाल को पार्क की बदहाली के लिए जिम्मेदार माना। साथ ही नगर निगम सहित भोजवेटलैंड, पीसीबी और पीएचई को नोटिस थमा या है।

एनजीटी ने पूछापार्क में कचरा डंपिंग और सीवेज क्यों?

एनजीटी ने नगर निगम, पीएचई, पीसीबी और भोजवेटलैंड जैसे महकमों से पूछा है कि आखिर ऐसी क्या जरूरत थी कि पार्क में कचरा डंपिंग स्टेशन और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया। भोजवेटलैंड प्रोजेक्ट के तहत जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया वह फेल कैसे हुआ? किसने प्रोजेक्ट बनाया और इसके पीछे मंशा क्या थी। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले व्यावहारिक पहलुओं को बारीकी से क्यों नहीं परखा गया। स्थानीय लोगों से चर्चा क्यों नहीं की गई।

निगम आयुक्त जिम्मेदार, मिलनी चाहिए सजा

सदप्रयास संगठन के अब्दुल जब्बार कहते हैं कि नगर निगम ने ऐतिहासिक शाहजहांनी पार्क का सत्यानाश कर दिया है। इसके लिए निगम आयुक्त जिम्मेदार हैं। अधिकारी मनमाने तरीके से पार्क में निर्माण कराते गए। ग्रीन बेल्ट में निर्माण चलते रहे और आयुक्त ने होने दिया। ऐसे में निगम आयुक्त सहित महापौर और जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित होना चाहिए।