संबल योजना जब जरूरत पड़ी तब सरकार ने बंद कर दिया पोर्टल

जबलपुर । प्रदेश में तीसरी पारी में आई शिवराज सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए संबल योजना प्रारंभ की थी। इस योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने मजदूर कार्ड बनवाए थे। बाद में कांग्रेस सरकार ने इस योजना का नाम बदल दिया था और कार्ड भी बदले थे। अब फिर शिवराज सरकार काबिज है मगर अफसोस की बात यह है कि इस संकट के समय जबकि संबल की वास्तविक जरूरत वंचितों को है तो सरकार ने पोर्टल बंद कर दिया है। इससे न तो नए कार्ड बन पा रहे हैं और न ही पुराने कार्डधारियों को ही इसका लाभ मिल पा रहा है। नगर निगम में प्रतिदिन संबल योजना के तहत लाभ लेने के लिए दर्जनों लोग कतार में लगकर काउंटर से पूछताछ करने देखे जा सकते हैं। इनका कहना है कि जब कतार में उनका नंबर आता है तो उनसे कह दिया जाता है कि अभी पोर्टल बंद है। ऐसे में न तो नए मजदूर कार्ड बन रहे हैं और न ही जिनके पहले से कार्ड बने हैं उन्हें इस योजना के तहत लाभ मिल पा रहा है।
क्या है संबल योजना
कुछ वर्ष पूर्व जब यह योजना लांच की गई थी तो इसमें ऐसे परिवार जिनके पास आय का स्थाई साधन नहीं है और वे असंगठित क्षेत्र में आते हैं इसमें मजदूरों से लेकर प्राईवेट जॉब करने वाले सभी परिवारों को शामिल किया गया था। इस योजना के तहत परिवार के सदस्य की मृत्यु पर 2 लाख रुपए का अनुदान,किसी मजदूर के अपंग होने पर 1 लाख रुपए मामूली घायल होने पर 50 हजार रुपए, श्रमिक के बच्चों को उच्च स्तरीय पढ़ाई की सुविधा सरकार की ओर से,बच्चे के जन्म पर सहायता आदि सुविधाएं दी जानी थीं। कई सालों तक इस योजना का लाभ भी लोगों को मिला।
शासन के पास नहीं है पैसा
वर्तमान में जो दिक्कत पुराने संबल कार्डधारियों को आ रही है उसका कारण शासन के पास पैसा न होना बताया जाता है। हालाकि जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि हम इस योजना के तहत परिवार के मुखिया का निधन होने पर दी जाने वाली सहायता दे रहे हैं।
योजना के तहत इनको मिलना है लाभ
मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के तहत बीपीएल परिवारों को सिर्फ 200 रुपए महीने चुकाकर बिजली इस्तेमाल करने की सुविधा मिल रही है। एमपी सरल बिजली योजना की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार संबल में एक योजना और जोड़ी गई है। ऐसे 5 हजार बच्चे जो 12वीं कक्षा की परीक्षा में सबसे ज्यादा नंबर लाएंगे उनमें से सभी को 30 हजार रुपए अलग से दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जब हम कोरोना नाम की एक महामारी से जूझ रहे हैं, लोगों की जिन्दगी में सहारा देने वाली संबल योजना को हम फिर से शुरू कर रहे हैं। जब संबल योजना की पात्र कोई गरीब किसी शिशु को जन्म देगी तो जन्म देने से पहले 4 हजार रुपये और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपए उनके खाते में आएंगे। योजना के तहत लाभ पाने के लिए जरूरी है कि परिवार गरीबी रेखा से नीचे की कैटेगरी में हो। इसके साथ ही परिवार की बिजली खपत महीने में 100 यूनिट या उससे कम हो।
फैक्ट फाइल
97 हजार लोग पंजीयन करवा चुके हैं ननि सीमा में संबल योजना में।
18 हजार असंगठित क्षेत्र के भवन सन्निर्माण क्षेत्र के हैं।
2373 प्रवासी मजदूरों का अभी हुआ है संबल के तहत पंजीयन ननि सीमा में
5583 प्रवासी मजदूर जिले में पंजीयन करवाए हैं।
मेरे पास पहले से ही संबल कार्ड है इस योजना का लाभ लेने के लिए आया हूं मगर बताया जा रहा है कि शासन के पास अभी पैसे नहीं हैं। रमेश गुप्ता,पंजाब बैंक कॉलोनी
मैं संबल योजना में पंजीयन कराने आ रही हूं। कई बार भटक चुकी हूं बताया जा रहा है कि अभी संबल योजना का पोर्टल बंद है। सुनीता चक्रवर्ती, शीतलामाई
बहुत देर से लाइन में लगा हूं,धूप भी बहुत है। नंबर आने पर पता चला कि अभी पंजीयन नहीं हो रहे हैं। बाद में आना। कई बार आ चुका हूं। दिनेश प्रजापति, दमोहनाका समझ में नहीं आ रहा है कि जब यह योजना शिवराज जी ने ही शुरू की थी तो इसमें आर्थिक कमी क्यों बता कर लोगों को भ्ज्ञटकाया जा रहा है। विजय गुप्ता, त्रिमूर्ति नगर