ग्वालियर अंचल में सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर, जौरा में दोनों दल उतारेंगे प्रत्याशी

Scindia's reputation at stake in Gwalior zone, both parties will field candidates in Jaura

ग्वालियर अंचल में सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर, जौरा में दोनों दल उतारेंगे प्रत्याशी

ग्वालियर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर विधायकी छोड़ने वाले कांग्रेस नेताओं को उपचुनाव में भाजपा के बैनर पर उतरने से पार्टी के कई दिग्गजों के राजनीतिक भविष्य को ग्रहण लगता दिख रहा है। हालांकि उपचुनाव की तारीख तय नहीं है लेकिन जैसे ही चुनाव की दुंदभि बजेगी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में घमासान होता दिख रहा है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष रामनिवास रावत, पूर्व मंत्री डा.गोविंद सिंह समेत अन्य बड़े नेताओं ने कांग्रेस की रणनीति को तैयार कर लिया है। लॉक डाउन समाप्त होते ही कांग्रेस ने तो मतदाताओं के बीच 15 माह के कमलनाथ सरकार के कार्यकाल तथा सरकार गिरने को लेकर खरीद-फरोख्त को मतदाताओं के बीच कांग्रेस पहुंचाए बिना नहीं रहेगी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने अंचल की सभी 14 सीटों पर सिंगल, डबल और ट्रिपल नाम तय कर लिए हैं। सिंगल नाम वाली सीटों को कांग्रेस जीता हुआ मान रही है। जौरा विधानसभा सीट से विधायक रहे बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद यहां से कांग्रेस-भाजपा दोनों को ही अपने-अपने प्रत्याशी तय करना है। कांग्रेस से संजय यादव, वृंदावन सिंह सिकरवार तथा पकंज उपाध्याय के नाम हैं। भाजपा से इस सीट पर पूर्व विधायक सूबेदार सिकरवार, सत्यपाल सिकरवार चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। इन जिलों में होगा उपचुनाव मुरैना , भिंड, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी और गुना, तथा अशोकनगर में सिंधिया समर्थित विधायकों द्वारा विधायकी से इस्तीफा दिए जाने के कारण उपचुनाव होना है।

इन भाजपाई दिग्गजों पर ग्रहण
उधर भाजपाई दिग्गजों पर ग्रहण दिख रहा है। ग्वालियर पूर्व से विधायक एवं प्रदेश शासन में मंत्री रहीं माया सिंह इस विधानसभा क्षेत्र को नहीं छोड़ना चाहेंगी। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी सतीश सिकरवार पुन: इस सीट पर टिकट चाहते हैं। इसी तरह ग्वालियर की सीट सिंधिया के खाते में होने से प्रद्युम्न सिंह तोमर चुनाव लड़ेंगे लेकिन पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया को मनाने के लिए केन्द्र सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा देकर उन्हें वीवीआईपी होने का तमगा दिया है। गोहद सीट पर रणवीर जाटव को सीट मिलेगा । यह सीट पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य की है। मुरैना सीट पर सिंधिया के रघुराज कंसाना हैं यहां से भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह गुर्जर आस लगाए बैठे हैं। रघुराज के चुनाव लड़ने से वे क्या करेंगे यह अभी तय नहीं है।

उपचुनाव घोषित होने के बाद फूट सकता है लावा
उधर भाजपा में यह खबर बड़े जोरों पर है कि उपचुनाव की घोषणा के साथ ही टिकट न मिलने से खफा नेता अपना भविष्य संवारने के लिए कांग्रेस का दामन भी संभाल सकते हैं। नाराजगी लेकर बैठे भाजपा के नेताओं पर कांग्रेस हाथ फेरने में देर नहीं लगाएगी।