तटों पर सन्नाटा, कंचन हुआ नर्मदा जल

जबलपुर । सैकड़ों लोगों का रोजाना दबाव झेलने वाली नर्मदा तट ग्वारीघाट का जल इनदिनों स्वच्छ और शांत नजर आ रहा हैं। लॉक डाउन के कारण नर्मदा के सभी तटों में मानव दबाव कम होने के कारण पुण्य सलिला मां नर्मदा का जल कंचन हो गया। विशेषज्ञों के अनुसार भयंकर बाढ़ के हालात हो या कड़ाके की ठंड हर सीजन में हमेशा ही मां रेवा तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। गर्मी के दिनों में सुकून के पल बिताने के लिए तटों पर लोगों का तांता लगा रहता है, लेकिन यह पहला अवसर है जब लॉक डाउन के कारण लगातार 17-18 दिनों से नर्मदा तटों से लोग दूर हैं। जनवरी माह में नर्मदा तट खारीघाट पर वैज्ञानिकों ने सैम्पल जुटाकर जांच की थी,उसकी रिपोर्ट के आधार पर ज्यादातर मानकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा था, लेकिन अभी हाल में प्रदूषण के स्तर में और अधिक सुधार होना बताया जा रहा हैं।
नर्मदा जल ए श्रेणी में
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मासिक रिपोर्ट से लेकर सालाना रिपोर्ट के मुताबिक नर्मदा जल ए श्रेणी में है। पिछले 4 सालों में नर्मदा के जल स्तर की गुणवत्ता की स्थिति सुधरी है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले नर्मदा तटों से सेंपल लेकर गुणवत्ता की जांच करता था। बाद में जारी हुई केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार अब नदी के बीचों-बीच से सेंपल लेकर जांच की जाती हैं। इस क्षेत्र में तटों के मुकाबले प्रदूषण कम होता है।
लॉकडाउन के कारण जल स्तर में सुधार
लॉक डाउन के कारण गंगा,जमुना की तरह ही नर्मदा जल के स्तर में पहले की अपेक्षा सुधार हुआ हैं। जो जलीय जन्तु के लिए सुखद है, वहीं इस बार लोग लॉक डाउन के कारण नदी में कपड़े भी नहीं धुल पा रहे है,जिससे पहले की अपेक्षा में नर्मदा का जल स्वच्छ और कंचन दिखाई देने लगा हैं।
इस प्रकार थी जनवरी की जांच रिपोर्ट
कंटेट- मानक- उपस्थिति
बायो आक्सीजन डिमांड-1-2.7
पीएच- 6.5 से 8.5- 8.9
डिजॉल्व आक्सीजन लेवल- 6-8
नाइटेट-10-38
टोटल हार्डनेंस-250- 1000