लॉकडाउन में छूट मिलते ही नर्मदा में गंदगी फैलाने वाले हुए सक्रिय स्वच्छता बचाने आगे आना होगा

लॉकडाउन में छूट मिलते ही नर्मदा में गंदगी फैलाने वाले हुए सक्रिय स्वच्छता बचाने आगे आना होगा

जबलपुर । लॉक डाउन में इंसानी दखल कम होने से स्वच्छ व साफ-सुथरी नजर आने वाली नर्मदा नदी अब अनलॉक होते ही बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने से फिर प्रदूषित नजर आने लगी है। हालाकि अभी शुरूआत है और यदि यहां पर प्रशासन सख्ती बरते तो हालात अभी भी काबू में आ सकते हैं,मगर इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत है। विगत ढाई माह के समय में नर्मदा में ग्वारीघाट सहित अन्य घाटों और तटों पर नर्मदा बिलकुल साफ-सुथरी दिखी है। यहां तक कि इसका तल तक देखा जा सकता था। इसका एकमात्र कारण लोगों का हस्तक्षेप बंद होना था। अब लॉक डाउन खत्म किया जा चुका है और बड़ी संख्या में लोग एक बार फिर तटों पर पहुंचने लगे हैं जो कि प्रसाद सामग्री पूजन का अपशिष्ट इसमें प्रवाहित करने लगे हैं। यहां तक कि यहां के दुकानदार भी बर्तन तक निरमा आदि प्रतिबंधित सामग्री से धोते दिख रहे हैं। नर्मदा के किनारे पूजन सामग्री का अपशिष्ट साफ नजर आने लगा है।

अभी भी है वक्त

यदि अभी भी प्रशासन सख्ती चालू कर दे और भारी-भरकम जुर्माना लगाने लगे तो हालात काबू में आ सकते हैं। जब लोग नहीं मान रहे हैं तो सख्ती ही एकमात्र विकल्प रह जाती है। बामुश्किल साफ हुई नर्मदा अपने इसी स्वरूप में रहें इसके लिए प्रशासन को ही प्रयास करने होंगे। नगर निगम व जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके लिए वरिष्ठ

बेमतलब हो गया साढ़े 5 करोड़ का प्लांट

नर्मदा में मिलने वाले गंदे नाले का पानी शोधित करने यहां नगर निगम ने साढ़े 5 करोड़ रुपए का एक प्लांट भी लगाया है। जो बंद ज्यादा और चालू कम दिख्ताा है। सौभाग्य से अभी ये चालू है मगर इसका असर नर्मदा में मिलने वाले गंदे नाले के पानी को देखकर नजर नहीं आया। यह नाला शुरू से ही नर्मदा में मिल रहा है इसे अन्य जगह स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है।

समझाइश पर भी बाज नहीं आते

नर्मदा का ऐसा हाल देखकर नर्मदा दर्शन को जाने वाले भक्तों में बड़ी पीड़ा है। उनका कहना है कि बामुश्किल साफ हुई नर्मदा माई के आंचल में फिर गंदगी जाने लगी है। एक तरफ तो लोग नर्मदा को अपनी आराध्य बताते हैं दूसरी तरफ इसी के आंचल को गंदा करते हैं। समझाईश से भी लोग बाज नहीं आते उलटे झगड़ने पर तैयार हो जाते हैं।

श्रद्धालुओं में जागरूकता की कमी

नर्मदा को माता मानकर यहां पूजन करने ज्यादातर परिवार पहुंचते हैं मगर इनमें जागरूकता का सर्वथा अभाव देखा जाता है। ये घरों से लाई पूजन अपशिष्ट सामग्री से लेकर नारियल प्रसाद अगरबत्ती के खाली पैकेट नारियल के खोल आदि सभी नर्मदा में प्रवाहित करते हैं या घाटों पर ही छोड़ जाते हैं। ऐसे में नर्मदा कैसे स्वच्छ रहेंगी यह सवाल एक बार फिर सामने है।