पेट्रोल डीजल पर वैट कम करे प्रदेश शासन

जबलपुर । पेट्रोल व डीजल की कीमतें अपनी सर्वाधिक ऊंचाई पर हैं जिससे न केवल कृषि सेक्टर प्रभावित हो रहा है बल्कि उद्योग-व्यवसाय के साथ आम जीवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। बाजार में छाई मंदी, कोरोना संकट से उपजे भयावह हालात पर पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों ने बाजार पर खराब असर डाला है। यह कथन है जबलपुर चेम्बर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का। जबलपुर चेम्बर आॅफ कॉमर्स के चेयरमैन प्रेम दुबे ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी एवं कोरोना संकट से बुरी तरह प्रभावित हुई है तथा पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों ने स्थितियों को गंभीर बना दिया है। सरकारें अपनी हानियों की भरपाई के लिए जब तब पेट्रोलियम उत्पादों को निशाना बनाकर विभिन्न सेस लगाती आई हैं तथा वैट में बढ़ोत्तरी करती आई हैं जो कि बेहद अफसोसजनक है। प्रदेश में वर्तमान स्थिति में पेट्रोल पर राज्य का वैट 33 प्रतिशत है जिस पर सेस 3.50 प्रति लीटर है एवं कोविड सेस एक रुपया है वहीं डीजल पर वैट 23 प्रतिशत है जिस पर 2 रुपए प्रति लीटर सेस तथा एक रुपया का कोविड सेस है जो कि भारत में सर्वाधिक है।
मंहगाई की दर बढ़ रही है
जबलपुर चेम्बर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आॅयल की प्रति बैरल कीमत के हिसाब से आम जनता को पेट्रोल व डीजल दोगुना कीमत पर मिल रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2020 के मई माह में जबलपुर जिले में पेट्रोल की खपत 4840 किलो लीटर थी व डीजल की खपत 9042 किलो लीटर थी। उन्होंने बताया कि जबलपुर में 8 लाख 24 हजार152 दो पहिया वाहन, 2 लाख24 हजार105 चार पहिया वाहन, 18 हजार826 माल वाहक ट्रक, 20 हजार342 पिक अप वाहन, 2237 बस एवं 10हजार834 आॅटो पंजीकृत हैं जो कि दर्शाता है कि कितना बड़ा तबका पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों से प्रभावित है। हिमांशु खरे ने कहा कि पेट्रोल व डीजल पर लगाए गए सेस से प्रदेश शासन को लगभग 570 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी लेकिन इससे न के वल मंहगाई बढ़ेगी बल्कि त्राहि-त्राहि भी होगी।
घर का बजटीय संतुलन बिगड़ा
जबलपुर चेम्बर के सचिव नरिंदर सिंह पांधे, राधेश्याम अग्रवाल, रजनीश त्रिवेदी, घनश्याम गुप्ता, अभिषेक ध्यानी, शशिकांत पाडेय आदि ने इस विषय पर बताया पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है। कोरोना काल में निजी सेक्टर के नौकरीपेशा व्यक्तियों के वेतन पर विपरीत असर पड़ा है वहीं व्यवसायी वर्ग गिरती हुई बिक्री से प्रभावित है। आय के स्त्रोतों में कमी आई है तथा पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें हर घर की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। जबलपुर चेम्बर ने प्रदेश शासन से मांग की है कि अतिशीघ्र पेट्रोलियम उत्पादों पर राजकीय वैट को कम किया जावे ताकि आम जनता को राहत मिल सके ।