स्टेट हाइवे: ठेकेदार टोल टैक्स तो वसूल रहे, पर सड़कों का मेंटेनेंस नहीं कर रहे

भोपाल । प्रदेश सरकार ने 16 स्टेट हाइवे के मेंटेनेंस का ठेका ऑपरेशन मेंटेनेंस ऑफ ट्रांसफर (ओएमटी) योजना के तहत दिया है। इसके तहत ठेकेदार इन सड़कों से टोल की वसूली भी करेंगे और सरकार को प्रीमियम के रूप में राशि भी देंगे। ठेकेदार टोल तो वसूल रहे हैं, लेकिन अधिकतर सड़कों का मेंटेनेंस नहीं कर रहे हैं। नतीजा- इन सड़कों पर जगह-जगह गढ्डे हो गए हैं। बाारिश में इन सड़कों की हालत और भी खराब हो जाएगी। उधर, इस मामले में सड़क विकास निगम (आरडीसी) के इंजीनियरों की भी लापरवाही सामने आई है। 10-15 साल पहले बीओटी के तहत स्टेट हाइवे का ठेका बड़ी कंपनियों को दिया गया था। उन कंपनियों ने 15 साल तक टोल की वसूली की। इसके बाद सरकार ने सड़कों के मेंटेनेंस के लिए ओएमटी के तहत 8-10 साल के लिए नया ठेका दिया। सरकार द्वारा ऐसे करीब 16 स्टेट हाइवे का ठेका दिया गया। टोल वसूली से मिलने वाली राशि से ठेकेदारों को इन सड़कों का मेंटेनेंस कराने के साथ ही 25 प्रतिशत प्रीमियम राशि सरकार को भी देनी है।
कुछ प्रमुख स्टेट हाइवे और उनका हाल
स्टेट हाइवे-15, बाड़ी-शाहगंज:
सरकार ने इस सड़क के मेंटेनेंस का ठेका 27 जून 2016 को 10 साल के लिए दिया था। इस मार्ग की लंबाई 58.80 किमी है। शाहगंज के पास कंपनी टोल टैक्स वसूल रही है। बावजूद सिलगेना से नानपोन और बक्तरा के बीच सड़क काफी खराब है।
स्टेट हाइवे-22, बुदनी- नसरुल्लागंज-रेहटी:
इस मार्ग की लंबाई 87.40 किमी है। इसक मेंटेनेंस का ठेका 16 अगस्त 2013 में 8 साल के लिए दिया गया था। नसरुल्लागंज से रेहटी तक मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हैं। कई जगह सड़क में दरारें आ गई हैं।
स्टेट हाइवे-38, देसगांव- खरगौन:
मार्ग की लंबाई 63.60 किमी है। 27 जून 2016 को 10 साल के लिए इस हाइवे के मेंटेनेंस का ठेका दिया गया था। देसगांव से भीकनगांव के बीच सड़क की हालत ज्यादा खराब है।
चार महीने से सरकार को 4 करोड़ प्रीमियम राशि भी नहीं दी
एमओटी के तहत जिन ठेकेदारों को स्टेट हाईवे के मेंटेनेंस का ठेका दिया गया है, उनके द्वारा टोल वसूली की जा रही है। टोल वसूली के एवज में 25 प्रतिशत प्रीमियम राशि सरकार को देनी होती है। लेकिन बीते चार महीने से ठेकेदारों ने प्रीमियम की राशि करीब 4 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान सरकार को नहीं किया है।
मैं अभी मीटिंग में व्यस्त हूं
मैं अभी मीटिंग में हूं। ओएमटी योजना के तहत ठेके पर दी गई सड़कों के मामले में अभी बात नहीं कर सकता। आप चीफ इंजीनियर मिस्टर कटारे से बात करें। एसकेए जैदी, ईएनसी, एमपीआरडीसी
एग्रीमेंट निरस्त करेंग
समीक्षा के दौरान भी यह बात सामने आई थी। सड़कों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ठेकेदारों की है। जो ठेकेदार मेंटेनेंस नहीं कर रहे हैं, तो तकनीकी जांच कराकर उनका एग्रीमेंट निरस्त किया जाएगा। नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी