दोस्त के साथ रहने की जिद पर अड़ी छात्रा ने काउंसलिंग में दो दिन पहले किया था कॅरियर पर ध्यान देने का वादा, बाद में दे दी जान

दोस्त के साथ रहने की जिद पर अड़ी छात्रा ने काउंसलिंग में दो दिन पहले किया था कॅरियर पर ध्यान देने का वादा, बाद में दे दी जान

भोपाल । मां और पिता के तलाक के बाद से मां के साथ रह रही 14 साल की किशोरी ने दो दिन पहले काउंसलिंग में अपने दोस्त के साथ रहने की जिद छोड़ी थी, और वादा किया था कि वह कॅरियल पर ध्यान देगी। बावजूद छात्रा खुद को संभाल नहीं पाई और फांसी लगाकर जान दे दी। गांधी नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक किशोरी कक्षा नौंवी की छात्रा थी। वह आशाराम बाबू के गुरुकुल आश्रम में इस साल आठवीं तक पढ़ाई की थी। मंगलवार को वह गांधी नगर थाने में को पहुंची थी। छात्रा की जिद थी कि उसे अपने दोस्त के साथ ही रहना है। छात्रा को समझाने के लिए जब चाइल्ड लाइन की काउंसलर पहुंचीं तो छात्रा ने कहा कि उसके मम्मी-पापा का तलाक भी तो उनके कहीं और अफेयर की वजह से ही हुआ है। यदि वह ऐसा करती है तो क्या गलत है? लेकिन काउंसलर ने उसे कॅरियर का हवाला देते हुए समझाया, तो किशोरी मान गई और अपने घर चली गई थी। मामले में चाइल्ड लाइन काउंसलर ने बच्ची के माता-पिता की भी काउंसलिंग की।

फोन पर दोस्त से बात करने पर परिजन ने किया था मना

पुलिस के मुताबिक किशोरी जिस दोस्त के साथ रहना चाहती थी उससे अक्सर फोन पर बातचीत किया करती थी। उसके परिवार के सदस्यओं को इस पर ऐतराज था। गुरुवार रात वह अपने दोस्त से फोन पर बात कर रही थी, तभी उसकी मां और ताऊ ने देख लिया। उन्होंने मना किया तो दुखी होकर वह कमरे में गई और फांसी लगा ली। वह पहले भी छत से रस्सी बांधकर लटक गई थी। इसको लेकर कॉलोनी में बवाल भी हुआ था।

एक साल पहले भी घर छोड़कर चली गई थी छात्रा

छात्रा एक साल पहले भी घर वालों की डांट से गुस्सा होकर घर से जा चुकी है। उस वक्त गांधी नगर थाने ने किशोरी को घर पहुंचाया था। थाने के बाल कल्याण अधिकारी ने छात्रा को फोन नंबर दिया था। इसी के चलते किशोरी ने अधिकारी को फोन कर कहा कि वह घर में नहीं, बल्कि अपने दोस्त के साथ रहना चाहती है। चाइल्ड लाइन काउंसलर ने किशोरी और मातापिता से बात की तो पता चला कि किशोरी के माता-पिता का चार साल पहले तलाक हो गया है। पिता का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था।

 तनाव में थी किशोरी

माता-पिता के बिगड़े रिश्ते का तनाव, बच्ची पर हावी था। हमारी काउंसलर ने उसे समझाया और गाइड किया कि अभी वह पढ़ाई पर फोकस करें। अर्चना सहाय, डायरेक्टर, चाइल्ड लाइन