दम घोंट रहे सिंथेटिक मास्क कॉटन का ट्रिपल लेयर सबसे बेहतर

दम घोंट रहे सिंथेटिक मास्क कॉटन का ट्रिपल लेयर सबसे बेहतर

जबलपुर ।  कोरोना वायरस महामारी के डर से लोग एक-दूसरे से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक इसकी कोई कारगर दवा भी सामने नहीं आई है और सावधानी ही बचाव का मूलमंत्र मानते हुए सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाए रहना ही सहज उपाय माना जा रहा है। अब बाजारों में सस्ते मास्क की जमकर बिक्री हो रही है, जिसमें सिंथेटिक मास्क बहुतायत में मिल रहे हैं। सिंथेटिक मास्क लगाए जाने का सबसे बड़ा नुकसान हमें मिलने वाली आॅक्सीजन में 30 प्रतिशत तक की कमी हो जाती है। मास्क लगाए रहना मजबूरी बन चुकी है, ऐसे में कुछ सावधानियां सभी के लिए बरतना बेहद जरूरी हो गया है। संक्रमित करने वाले वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या वस्तु को छूने से एक स्वस्थ व्यक्ति में फैलते हैं। लोग मुख्य रूप से कई स्थितियों में कोरोना वायरस के संपर्क में आते हैं, जिसमें किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने या छींकने पर संक्रमित हुई हवा में सांस लेना, संक्रमित व्यक्ति के पास खड़े होकर उससे बात करना, उससे हाथ मिलाना आदि शामिल हैं। ऐसे में लोगों से बार- बार हाथ धोने की अपील की जा रही है और साथ ही मास्क पहनना आवश्यक हो गया है। इससे पहले विशेषज्ञों ने कहा था कि प्रोटेक्टिव मास्क जरूरी नहीं है अगर व्यक्ति कोरोना वायरस मरीजों की देखभाल करने वाले हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स नहीं है या यदि उच्च जोखिम वाले वातावरण के संपर्क में नहीं है। लेकिन अब कई वैज्ञानिक और विशेषज्ञ कह रहे हैं कि बाहर जाते समय चेहरा जरूर ढंकना चाहिए। यानी कहने का मतलब है कि फेस मास्क पहनना बहुत जरूरी हो गया है।

इसलिए बेहतर है कॉटन

इस मुश्किल से बचने के लिए मास्क के फैब्रिक पर ध्यान दिया जा सकता है। हैवी मास्क की बजाए 100 प्रतिशत कॉटन का मास्क इस्तेमाल किया जा सकता है। कॉटन पसीने या फिर मॉइस्चर को सोख लेता है, इस वजह से कॉटन से बने मास्क पहनने में उतनी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं पॉलिस्टर और सिंथेटिक से बने मास्क से पसीना फैल जाता है। साथ ही ये कंफर्टेबल भी कम होता है। सिंथेटिक मैटेरिटल मास्क को ज्यादा गर्म भी रखता है।