अनलॉक के बाद आया बच्चों और पेरेंट्स के पोर्ट्रेट का टैटू ट्रेंड

भोपाल। यह सुनने में अंचभित करने वाली बात लगे, लेकिन अनलॉक होते ही लोगों ने टैटू बनवाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं अब फैशनेबल टैटू साइन नहीं, बल्कि सिटी में यंगस्टर्स अपने परिजनों के फोटो टैटू में बनवा रहे हैं। किसी ने अपने पिता का टैटू सीने पर बनवाया है तो किसी ने अपने बच्चों की तस्वीर का टैटू बनवाया है। टैटू आर्टिस्ट कहते हैं, हमारे लिए भी यह चौंकाने वाला ट्रेंड बनकर आया है कि लोग कोविड- 19 में इतने इमोशनल हुए हैं कि परिवार को टैटू में शामिल कर रहे हैं। इससे पहले ऐसा बहुत कम होता था लेकिन अब 10 में से 5 इंक्वायरी पोर्ट्रेट की आ रही हैं।
पिता की याद में बनवाया टैटू
मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं है और उनकी याद में उनके जन्मदिन पर मैंने यह टैटू बनवाया है। किस्मत से अनलॉक हो गया, जिस वजह से मैं अपना यह सपना पूरा कर पाया। मैंने अपने सीने पर पिता का फोटो टैटू फॉर्म में बनवाया है। अब वो हमेशा मेरे साथ रहेंगे।
टैटू मेकिंग में आ रहे चेंजेस
लॉकडाउन के बाद टैटू मेकिंग में बहुत तरह के चैंजेस आए हैं। मेरे पास इस समय पोर्ट्रेट फोटो बनवाने के लिए बहुत सारे लोग आए। ज्यादातर बुद्ध भगवान के टैटू बनवा रहें हैं। वहीं कुछ अपने फैमिली मेंबर्स के पोर्ट्रेट अपने चेस्ट और बाइसेप्स पर टैटू बनवा रहे हैं। कोरोना टाइम में वैसे हर कस्टमर के दिमाग में ख्याल आता कि ऐसे टाइम में हम कैसे टैटू बनाए उसके लिए हम प्रॉपर सेनिटाइजेशन प्रोसेस करते है। साथ ही हम एक बार जो नीडल यूज होती है उसको दुबारा इस्तेमाल नहीं करते। ग्लव्स हम पहले भी पहनते थे अब मास्क एडिशनल हो गया है।
ले रहे प्रॉपर प्रिकॉशन
टैटू आर्टिस्ट स्वप्निल विजयवर्गीय ने बताया कि बहुत सारे लोगों में डाउट्स थे कि कोरोना में टैटू कैसे गुदवाए। हमने अपनी शॉप में एक बार में एक ही कस्टमर को एंट्री देते है। वहीं गेट पर पहले उनकी बॉडी सेनेटाइज कराते हैं। हर टैटू बनाने के बाद इक्यूपमेंट्स को सेनेटाइज करते है। साथ ही हर टैटू लवर जो भी टैटू गुदवाने इस समय आ रहा है उन्हें एक्स्ट्रा कपड़े लेकर आने को कहा जाता है ताकि वे बाद में चेंज कर सके।