मप्र में टिड्डियों का खतरा टला नहीं, नमी मिलते ही अंडे देने का सिलसिला शुरू होगा, १५ दिन में आ सकती है नई जनरेशन

मप्र में टिड्डियों का खतरा टला नहीं, नमी मिलते ही अंडे देने का सिलसिला शुरू होगा, १५ दिन में आ सकती है नई जनरेशन

भोपाल। निसर्ग तूफान के कारण हुई बेमौसम बारिश से मप्र में खरीफ फसल पर खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि पाकिस्तान से आई टिड्डियां अभी तक प्रदेश में सक्रिय हैं और बेमौसम बारिश से पैदा हुई नमी में अंडे देने का सिलसिला अगले हते भर में शुरू हो जाएगा। इसके 15 दिनों बाद ही नई टिड्डियां पैदा होकर फसलों पर हमले शुरू कर देंगी। इधर, यूनाइटेड नेशंस के फूड एंड एग्रीकल्चर आॅर्गनाइजेशन (एफएओ) ने चेतावनी दी है कि जुलाई अंत तक फिर से टिड्डी दल का भारत पर हमला होगा, जो कि ईरान, पाकिस्तान बॉर्डर के बजाय ईस्ट अफ्रीका से आएंगी। इनका हमला गुजरात से शुरू होगा और पश्चिमी एवं सेंट्रल मप्र में प्रभावी होगा। टिड्डी दल ने मई मध्य से पश्चिमी मप्र से हमला शुरू किया था। नतीजे में मंदसौर, रतलाम, नीमच, उज्जैन, देवास, सीहोर, रायसेन, हरदा, होशंगाबाद, बालाघाट, नरसिंहपुर, जबलपुर, सतना, रीवा, दतिया, शिवपुरी, शोपुर, भिंड मुरैना ग्वालियर आदि जिलों में खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचाया। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार मध्यप्रदेश में 5000 हेक्टेयर और देश भर में करीब 65,000 हेक्टेयर की फसलों को टिड्डियों ने जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है।.

टिड्डियों की लाइफ साइकिल

* टिड्डियों की शुरुआत ईरान, पाकिस्तान बॉर्डर से या फिर ईस्ट अफ्रीका से होती है, जो मई-जून तक भारत पहुंचती हैं और प्री मानसून सीजन में अंडे देकर नई जनरेशन लाती हैं।

* टिड्डियां जून में प्री मानसून शुरू होते ही अंडे देने लगती हैं। अधिकतम एक हते के अंदर जो भी पौधे या फसलें मिलती हैं,बर्बाद करती जाती हैं।

* अभी मप्र में टिड्डियों का दल जहां-जहां भी रात को रुका है, वह सारे इलाके अलार्मिंग सिचुएशन पर हैं। यहां अगले 15 दिन में टिड्डियों की नई जनरेशन आ सकती है।