लॉकडाउन में पूरी पूंजी खत्म हो गई, धंधा भी कमजोर चल रहा ह

भोपाल । मैं बरसों से फुटपाथ पर कपड़े बेचने का काम करता हूं। बारिश में हर साल रैनकोट भी खरीदकर बेचता हूं। मगर लॉकडाउन में मेरे पास जमा पूंजी भी खत्म हो गई। घर के खर्च, किराया आदि में कुछ भी नहीं बचा। यह कहना है बरखेड़ी निवासी सगीर का। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले पड़ोसी से उधार लेकर तीन रैन कोट खरीदे और अभी सिर्फ एक बिका है। इन पैसों से फिर माल खरीदने की कोशिश करूंगा। सगीर ने बताया कि लॉकडाउन के बाद घर चलाना मुश्किल हो गया है। अब तो समझ ही नहीं आता कि इस पैसे से नया माल खरीदूं, पुरानी उधारी चुकाऊं या घर के खर्च देखूं।