बच्चे की मां नहीं है इसलिए साथ लेकर दिनभर ढूंढ़ता हूं काम

बच्चे की मां नहीं है इसलिए साथ लेकर दिनभर ढूंढ़ता हूं काम

भोपाल । में सुबह अपने तीन साल के बेटे सनी को लेकर इस उम्मीद से निकलता हूं कि शायद आज कम मिल जाएगा। मगर शाम को मायूसी ही हाथ लगती है। आज तो यह चल भी नहीं रहा। बोल रहा है कि पापा गाड़ी से लेकर चलो। इतने पैसे भी नहीं हैं मेरे पास। इसे मना रहा हूं कि थोड़ा सा और पैदल चलकर बारह नंबर बस स्टॉप तक अपने घर पहुंच सके। आज भी मुझे काम नहीं मिला। यह कहना है मजदूरी का काम करने वाले राम कृष्ण का, जो कई वर्षों से भोपाल में रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह मजदूरी करते थे। मगर लॉकडाउन के बाद से काम पूरी तरह से बंद हो गया है। मकान मालिक को भी किराया देना है। यह मेरा 3 साल साल का बेटा सनी है। इसकी मां नहीं होने से सुबह मेरे साथ निकलता है और रात तक हम दोनों वापस आते हैं।