स्कूल बना रहे नए सेशन के लिए फीस का दबाव, मैसेज आने पर अभिभावक टेंशन में

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स्कूल बना रहे नए सेशन के लिए फीस का दबाव, मैसेज आने पर अभिभावक टेंशन में

ग्वालियर।  कोरोना संक्रमण का खतरा अभी कम नहीं हुआ है, इसलिए स्कूल-कॉलेज कब खुलेंगे, अभी यह तय नहीं है, लेकिन इसके बाद भी स्कूल संचालक अभिभावकों को नए सेशन सत्र 2020-21 की फीस जमा कराने के लिए मैसेज भेज रहे हैं। अभिभावक फीस का मैसेज आने से परेशान हैं कि क्या करें? फीस के मैसेज इस बात का जिक्र नहीं है कि ट्यूशन फीस जमा करना है या पूरी फीस? अभिभावक यह जानने के लिए स्कूल के लैंडलाइन नंबर पर फोन लगा रहे हैं मगर फोन उठ नहीं रहे हैं। प्रदेश सरकार जुलाई से और मानव संसाधन विकास मंत्रालय 15 अगस्त के बाद स्कूल खोलने की बात कह रहा है, लेकिन यह भी पूरी तरह से नहीं है, क्योंकि कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने के बजाए बढ़ता है तो शायद ही स्कूल-कॉलेज खुलें। ऐसा होने पर सत्र 2020-21 शून्य घोषित किया जा सकता है। स्कूल में बच्चों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा: मनोज शर्मा की तरह अन्य अभिभावकों की मानें तो भले ही अगस्त-सितंबर से स्कूल खुल जाएं, लेकिन वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, क्योंकि स्कूल प्रबंधन कोरोना संक्रमण से बच्चे की सुरक्षा को लेकर गारंटी नहीं लेगा। बच्चे घर में हैं तो वह निश्चिंत हैं मगर स्कूल में बच्चा क्या कर रहा है, किस तरह से है। इसे लेकर चिंता बनी रहेगी। यह जरूरी नहीं है कि क्लास में बच्चे एक-दूसरे से दूर रहें और टीचर बार-बार बच्चों के हाथ धुलवाएं जाएंगे।

क्लास ही नहीं लगी तो फीस किस बात की

कोरोना के कारण स्कूल मार्च के अंतिम सप्ताह से बंद हो गए थे। इसके कारण कई अभिभावकों ने मार्च 19 की फीस जमा नहीं की थी, लेकिन स्कूल से फीस जमा करने का मैसेज आने पर अभिभावक मई में फीस जमा कराने के लिए पहुंचे। मार्च की फीस जमा करने के बाद फीस काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने अभिभावकों से अप्रैल की भी फीस मांगी। इस पर अभिभावकों ने यह कहकर फीस देने से इंकार कर दिया कि जब क्लास ही नहीं लगी तो फीस किस बात की।

शिक्षा विभाग ने कहा है सिर्फ ट्यूशन फीस दें

स्कूल शिक्षा विभाग ने 16 मई 20 को कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों की फीस भुगतान को लेकर आदेश जारी किया है। जिसमेें कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि में सिर्फ शिक्षण शुल्क (ट्यूशन फीस) ले सकेंगे। इसके अलावा अभिभावकों से किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी।

स्कूल फीस के मैसेज भेज रहे हैं तो भेजने दो स्कूल को सिर्फ फीस से मतलब है, चाहे स्कूल खुले या नहीं? उनका मानना है कि फीस का मैसेज भेजने के बाद अभिभावक फीस जमा कराते हैं तो उनके लिए अच्छा ही है। मैं तो अभिभावकों से यही कहता हंंू कि भले ही स्कूल वाले फीस का मैसेज भेजें मगर वह फीस जमा नहीं कराएं, क्योंकि फीस जमा नहीं होने पर स्कूल बच्चे को स्कूल से नहीं निकालेंगे। अगर वह ऐसा करते हैं पैरेट्स एसोसियेशन अभिभावकों के साथ है। सुधीर सप्रा, अध्यक्ष पैरेट्स एसोसिएशन मेरा बेटा रेडियेंट स्कूल में पढ़ता है। स्कूल ने नए सेशन की फीस जमा करने के लिए मैसेज भेजा है, जबकि स्कूल कब खुलेेंगे अभी तय नहीं है।

स्कूल सितंबर में खुले तो फीस पूरी या आठ महीने की?
अभिभावक यह सवाल पूछ रहे हैं कि अगर स्कूल सितंबर में खुलते हैं तो नया सेशन सितंबर से माना जाएगा या जुलाई 20 से? क्योेंकि स्कूल सितंबर से अप्रैल तक संचालित होगा तो इस हिसाब से आठ महीने की फीस बनती है। पैरेट्स एसोसियेशन के अध्यक्ष सुधीर सप्रा की मानें तो यह सरकार को तय करना है कि अगर स्कूल सितंबर से शुरू होते हैं तो अभिभावकों से कितने महीने की फीस ली जाए।