बर्तन बेचकर भूख मिटाने को मजबूर तिलहरी के विस्थापित

जबलपुर । मदनमहल पहाड़ी से विस्थापित कर तिलहरी में बसाए गए 12सौ परिवारों को लॉक डाउन बेहद भारी पड़ा है। आलम यह है कि कामधंधा न होने के कारण यहां पर लोग फाके करने मजबूर हैं। जेवर तो पहले ही बिक चुके थे अब वे बर्तन-भांड़े बेचने मजबूर हैं। 1-1 किलो राशन खरीद कर लाते हैं और किसी तरह आधे पेट दिन गुजार रहे हैं। ज्यादातर सरकारी इमदाद से वंचित हैं। समाजसेवी भी इन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। केन्द्र व राज्य सरकार ने हर गरीब परिवार के लिए राशन वितरण की व्यवस्था की है,यहां पर जब लोगों से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि पुरानी राशन जहां थी वहां तक हम पहुंच नहीं पाए और तिलहरी में जो राशन दुकान है वहां कहा जाता है कि राशन कार्ड शिफ्ट नहीं हुआ है इसलिए राशन नहीं मिलेगा। कुल मिलाकर कुछ को तो दूर जाकर भारी मशक्कत कर राशन मिला है और कई इससे वंचित रह गए हैं।
रोजगार की व्यवस्था करे सरकार
यहां के रहवासियों की मांग है कि अब हम अपनी मूलभूत समस्याओं को तो भूल ही गए हैं जो कि पानी,सड़क,बिजली की है। इस भीषण गर्मी में पानी की कमी और बिजली न होने से कैसे दिन गुजर रहे हैं हम ही जानते हैं,इससे भी ऊपर भर पेट भोजन की है जिसके लिए हमारी शासन से गुहार है कि हमें राशन-पानी की व्यवस्था कर दें ताकि कोई भूख से न मरे। समाजसेवी भी हमें भूल चुके हैं पहले तो मदद के लिए आते थे अब जबकि सही में हमें जरूरत है तो कोई नहीं आ रहा है। इस भीषण गर्मी में यहा के विस्थापितों के पास न तो पर्याप्त पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली मुहैया हो पा रही है। इस पर पेट भरने की कवायद सबसे बड़ी है। उनका कहना है कि यदि हमें किश्त ही मिल जाए तो भी सहारा हो जाएगा।
सर्टिफाइड गरीब
जहां तक इन सभी के गरीब होने की बात है तो सभी सर्टिफाइड गरीब हैं क्योंकि सभी के पास शासन ने गरीबी रेखा कार्ड दिए गए हैं,इसी आधार पर इन्हें पट्टे आदि भी दिए और पीएम आवास के तहत मदद भी दी गई है। हालाकि शासन का कहना है कि जल्द ही बचे हुए लोगों को भी पीएम आवास के तहत किश्तें जारी की जाएंगी।
फैक्ट फाइल
12सौ परिवार हुए हैं शिफ्ट
800 परिवारों को दो किश्तें मिलीं मकान बनाने।
400 परिवार अभी भी पीएम आवास राशि से वंचित।
हमें पानी और बिजली की तो जरूरत है ही जिसके बिना गर्मी में बुरा हाल है इससे भी पहले राशन की जरूरत है। कामधंधा न होने के कारण परिवार के भूखों मरने की नौबत है। इंदू विश्वकर्मा,तिलहरी विस्थापित
राशन कार्ड में कमी बताकर राशन भी नहीं मिला है। पहले जहां से लेते थे वहां तक जा नहीं पाए। बर्तन भांड़े बेचकर कुछ दिन गुजारा चला अब किससे मांगें। हमारी सहायता करवाइये। मुन्नी बाई मरकाम,तिलहरी विस्थापित
यहां सभी परिवारों के हालात बुरे हैं। सरकार को यहां पर राशन पानी बांटने की व्यवस्था करनी चाहिए,अन्यथा कोरोना से तो बच गए भूख से जरूर मर जाएंगे। भागवती अहिरवार,तिलहरी विस्थापित
अब तो बेचने के लिए कुछ सामान भी नहीं बचा है। 1-1 किलो आटा,चावल लाते हैं जिसे कम बनाकर किसी तरह बच्चों का पेट भर रहे हैं। पता नहीं कब तक मदद मिलेगी। सुक्को बाई, तिलहरी विस्थापित