आज विश्व कचरा मैन डे: जान जोखिम में डालकर कर्तव्य पथ पर डटे हैं सफाई कर्मचारी

जबलपुर । बुधवार को ग्लोबल कचरा मैन डे है। कोरोना के प्रकोप के कारण देश में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तब भी सफाई कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर कर्तव्य पथ पर डटे रहे। जिससे की लोगों के घरों में कूड़ा इकट्ठा न हो, उनको परेशानी का सामना न करना पड़े। इसमें नगर निगम से लेकर स्वास्थ्य अमले के सफाई कर्मचारियों को नमन है जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए घरों से निकलने वाले कचरे के साथ संक्रमित कचरे से भी सभी को सुरक्षित रखा। शहर में सरकारी और प्राइवेट सफाई कर्मचारी काम करते हैं। प्राइवेट सफाई कर्मचारी घरों से कूड़ा उठाकर कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट पर ले जाकर फेंकते हैं। जबकि नगर निगम में कार्यरत सरकारी सफाई कर्मचारी कॉलोनियों से कूड़ा उठाने के साथ ही सड़कों और नालों की सफाई भी करते हैं। जान जोखिम में डालकर रोजाना सुबह काम पर निकल जाते हैं। उनको कोरोना से बचाव के लिए नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जागरूक किया गया है। मास्क और सैनिटाइजर भी मुहैया करवाया गया है, जिससे की वह लोग समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करते रहें।
परेशानियों का सामना भी करते हैं
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि कई बार उनको परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि यूं तो वह लंबे समय से साफ-सफाई का काम कर रहे हैं लेकिन उनके काम को सम्मान लॉकडाउन में मिला, जिससे वह खुश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके कार्यो की सराहना की तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता ने भी ताली-थाली बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया। इस उत्साह के कारण उन्हें काम करने के लिए नई ऊर्जा मिली है। सुविधाओं की कमी: सफाई कर्मचारियों ने बताया कि दूसरे देशों में सफाई कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधाएं दी गई हैं। नालों और सीवर की सफाई के लिए एडवांस मशीनें आ चुकी हैं लेकिन आज भी उन लोगों को खुद ही सीवर की सफाई करनी पड़ती है। सीवर की सफाई के दौरान कई बार सफाई कर्मचारियों की जान भी जा चुकी है। उनकी मांग है कि उनको भी सुविधाएं दी जाएं, जिससे की सफाई कर्मचारियों के जीवन की रक्षा हो सके। मैं घरों से कूड़ा उठाने का काम लंबे समय से कर रहा हूं। कोरोना के प्रकोप के कारण परिवार वालों को चिता होती है लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनते हैं। अपने हाथों को समय-समय पर साबुन से धोते रहते हैं।
पूर्व निगमायुक्त ने की थी अच्छी पहल
इस बारे में पूर्व में निगमायुक्त व वर्तमान में नरसिंहपुर कलेक्टर वेदप्रकाश ने शहर में एक अच्छी पहल की थी। उन्होनें शहर वासियों से अपील की थी कि वे कचरा एकत्र करने वाले व सफाई कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए उनका अभिवादन करें। लोगों की एक नमस्ते से उनका मनोबल तो बढ़ेगा ही साथ ही उनमें आत्मसम्मान की भावना भी आएगी। कुछ दिन इस पहल को लोगों ने अपनाया भी मगर बाद में यह पहल धीरे-धीरे समाप्त हो गई।
फैक्ट फाइल
1050 कर्मचारी नियमित हैं ननि में
2500 से अधिक सफाई कर्मचारी लगे हैं प्राईवेट
16 जोन हैं शहर में
12 लाख है आबादी