कोरोना काल में पर्यटन ठप, सिर्फ मढ़ई को ही 7 करोड़ तक की चपत

सोहागपुर। कोरोना काल में मार्च से अब तक पर्यटन व्यवसाय भी बुरी तरह चरमरा गया है। लाकडाऊन के चलते सिर्फ मढ़ई में पर्यटन उद्योग को करीब सात करोड़ की चपत लग चुकी है, जो उसे पार्क में एंट्री फीस सहित जिप्सी आदि के संचालन से होती थी और पचमढ़ी और मढ़ई सहित समूचे एसटीआर के होटल मोटल रिसोर्टों को जोड़ लिया जाए तो यह नुकसान कोई 35 से 40 करोड़ में पहुंच रहा है। पीपुल्स समाचार के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी देते हुए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह ने कहा कि वर्तमान हालात में पर्यटन व्यवसाय को फिर से उठने में टाइम लगेगा। सूत्रों के मुताबिक 2019 में अप्रैल और मई में सिर्फ पचमढ़ी में लगभग 20-22 करोड़ का कारोबार हुआ था, जबकि 2020 के अप्रैल में यह आंकड़ा शून्य है। 2019 के अप्रैल-मई सोहागपुर के मढ़ई में 67 से 70 लाख रुपए तक की आमद करवा चुके थे, लेकिन इस बार इन दिनों यह आंकड़ा यहां भी शून्य रहा। 2020 के आरंभिक दिनों में मढ़ई में पार्क प्रबंधन लगभग 28 से 30 लाख रुपए का कारोबार कर चुका था। पचमढ़ी और मढ़ई में इस कारोबार से लगभग 495 जिप्सी चालक और 400 से अधिक गाइड रोजगार पाते है। लगभग 3000 लोग ऐसे हैं जो होटल मोटल रिसोर्ट आदि में काम करते हैं और पानी कोल्डड्रिंक जैसे उत्पाद आदि बेचने में लगे हुए है । उल्लेखनीय है कि पर्यटन क्षेत्र में मढ़ई के उदय के बाद सोहागपुर की भी आर्थिक सामाजिक राजनीतिक तरक्की के दरवाजे खुल गए थे। यहां जमीन है तक महंगी हो चुकी थी।