गलत विषय में ट्रांसफर किया, हाईकोर्ट का भी नहीं माना आदेश

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गलत विषय में ट्रांसफर किया, हाईकोर्ट का भी नहीं माना आदेश

ग्वालियर। शिक्षा विभाग की गलती के कारण महिला शिक्षिका मेहगांव से ग्वालियर ट्रांसफर होने के बाद भी स्कूल में ज्वायनिंग नहीं दे सकी है क्योंकि विभाग ने शिक्षिका का विषय ही बदल दिया। शिक्षिका ने विभाग में विषय सुधार के लिए आवेदन दिया मगर सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद शिक्षिका ने न्याय के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की । हाईकोर्ट ने विभाग को विषय में बदलाव करने के आदेश दिए लेकिन विभाग के अधिकारियों ने हाईकोर्ट का आदेश भी मानना जरूरी नहीं समझा है। शिक्षिका अब हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करने जा रही है। शासकीय हाईस्कूल ग्राम खैरोली अमायन में विज्ञान विषय की शिक्षिका संगीता इंदौरिया ने 2 जुलाई 19 को ग्वालियर शहर में ट्रांसफर के लिए आॅनलाइन आवेदन किया था। आवेदन में शहर के 17 स्कूल विकल्प के रूप में दिए थे। लोक शिक्षण संचालनालय ने6 दिसंबर 19 को ट्रांसफर आॅर्डर जारी किया, जिसमें शिक्षिका का ट्रांसफर शासकीय माध्यमिक स्कूल गोलिया का पुरा में किया गया, लेकिन संचालनालय ने शिक्षिका द्वारा पढ़ाए जाने वाले विज्ञान विषय को बदलकर सामाजिक विज्ञान कर दिया। शिक्षिका ने अपने पति योगेश इंदौरिया के साथ12 दिसंबर 19 को भोपाल जाकर लोक शिक्षण आयुक्त से मुलाकात की और उन्हें बताया कि ट्रांसफर आर्डर में गलत विषय शामिल कर दिया है। इस पर आयुक्त ने कहा कि उन्होंने ही आवेदन में सामाजिक विज्ञान लिखा होगा। जब योगेश ने उन्हें दस्तावेज दिखाए तो आयुक्त ने गलती मानते हुए आश्वासन दिया कि विषय में संशोधन करके पुन: आदेश जारी किया जाएगा। संचालनालय द्वारा संशोधित आदेश नहीं निकाले जाने पर योगेश इंदौरिया ने 1 जनवरी 30 को आयुक्त लोक शिक्षण को पत्र भेजा मगर सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने न्याय के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 18 फरवरी 20 को लोक शिक्षण संचालनालय को आदेश दिया कि एक महीने के अंदर विषय में संशोधन करके आदेश निकाला जाए मगर संचालनालय ने हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं माना है मैंने एक साल पहले अमायन से ग्वालियर ट्रांसफर के लिए आॅनलाइन आवेदन किया था लेकिन लोक शिक्षण में ट्रांसफर तो किया मगर विषय बदलकर विज्ञान के बजाए सामाजिक विज्ञान कर दिया इसे लेकर मैंने आयुक्त लोक शिक्षण से शिकायत भी की उन्होंने वैसे संशोधन करने का आश्वासन दिया मगर आदेश नहीं निकाला इसे लेकर में हाईकोर्ट गई हाईकोर्ट ने लोक शिक्षण को एक महीने के अंदर विषय में सुधार करने का आदेश दिया था लेकिन लोक शिक्षण ने ऐसा नहीं किया अब मैं हाईकोर्ट में अब मानना याचिका दायर करूंगी।