मप्र में 65 साल बाद बदलेगा ट्रेजरी सिस्टम, दो करोड़ वेंडर्स, 10 लाख कर्मचारियों को लाभ

भोपाल । साल बाद मप्र का कोषालय संहिता (ट्रेजरी लॉ) बदलेगा। जुलाई से शुरू हो रही नई व्यवस्था से प्रदेश के दो करोड़ वेंडर्स, दस लाख कर्मचारी, अधिकारी तथा छह हजार कोषालय अधिकारियों को फायदा होगा। इसके साथ ही बैंक से नकद राशि लाने-ले जाने का झंझट खत्म हो जाएगा। प्रदेश के 52 विभागों में कोषालय सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके माध्यम से लाखों कर्मचारीअ िधकारियों के वेतन-भत्ते का भुगतान होता है। पेंशन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय, छात्रवृत्ति सहित अन्य भुगतान भी इसी के माध्यम से किए जाते हैं। नवीन कोषालय संहिता आयुक्त कोषालय मुकेश चंद गुप्ता द्वारा लिखी गई और संचालक जेके शर्मा ने प्रारूप तैयार करवाया।
कड़े नियमों को सरल किया गया
अब सभी लेन-देन डिजिटलाइज हो गया है। ई- भुगतान प्रणाली विकसित हुई है और इससे लाखों कर्मचारियों का वेतन भुगतान आॅन लाइन होने लगा है। इसलिए सिस्टम में बदलाव किया गया है। मुकेश चंद गुप्ता, आयुक्त, कोषालय
1 जुलाई से होंगे नए प्रावधान
ट्रेजरी के सभी भुगतान आहरण अधिकारी द्वारा ऑनलाइन किए जाएंगे। कोषालयों का काम पेपरलेस होगा। सीएजी को लेखा-जोखा भेजना पूरी तरह से इलेक्ट्रानिक, पेपरलेस होगा। सभी भुगतान डिजिटल होंगे।
ये नियम होंगे समाप्त
करंसी चेस्ट, सिक्के, रुपयों के प्रबंधन संबंधी नियम। नॉन बैंकिंग कोषालय और उन कोषालयों के नियम खत्म। बैंक से नकद राशि लाने के लिए सुरक्षा संबंधी प्रावधान समाप्त।