भाजपा के भोजन बांटो अभियान से बड़े नेता गायब जिलाध्य्क्ष के साथ गिनती के लोग संभाले कमान

Veteran leaders disappeared from BJP's food distribution campaign; Counting people took command with District Collector

भाजपा के भोजन बांटो अभियान से बड़े नेता गायब जिलाध्य्क्ष के साथ गिनती के लोग संभाले कमान

ग्वालियर। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ भाजपा में अंदरूनी राजनीतिक उठापटक का खेल शुरू हो गया है। यहीं कारण है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में खुद की दावेदारी नगण्य मान चुके भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री-विधायकों सहित बड़े नेताओं ने केन्द्रीय नेतृत्व से गरीबों को भोजन बांटो अभियान से दूरी बना ली है। अह्म्म बात यह है कि खाना देने का अभियान केवल जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा सहित गिनती के पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा आयतित मंत्री-विधायकों की सक्रियता तक सीमित होकर रह गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने संभाग, जिला से लेकर मंडल स्तर तक मौजूद अपने कार्यकर्ताओं को लॉकडाउन की स्थिति में परेशान गरीब, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले मजदूर व दैनिक रोजगार बंद होने पर असहाय लोगों को भोजन पैकेट देने का अभियान चलाने को कहा था, लेकिन संभाग स्तर से लेकर जिला स्तर पर कोरोना संक्रमण से भयभीत होने का दिखावा कर बड़े भाजपा नेताओं ने पूरे अभियान को किनारे रख दिया है। जिसके पीछे भाजपा के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में 22 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों में सत्ता परिवर्तन के चलते साथ आए मंत्री-विधायकों को टिकट मिलना तय माना जा रहा है और सत्ता में खुद की भागीदारी होने की संभावना समाप्त होने के चलते ही पार्टी के बड़े नेताओं ने पूरे अभियान से दूरी बना ली है। गिनती के लोगों के साथ जिलाध्यक्ष मैदान में केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देशों पर ग्वालियर जिला में भी बड़ी विकट स्थिति है। यहीं कारण है कि जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा अपनी कार्यकारिणी के रामेश्वर भदौरिया, दारा सिंह, रमेश सेन, भरत दांतरे, खुशबू गुप्ता और कुछ गिनती के लोगों के साथ भोजन के पैकट बांटते नजर आ रहे है। हालात यह है कि जिला कार्यकारिणी सहित मंडल/प्राधिकरणों में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त करने वाले भी पूरी तरह से गायब है।