अमेरिका में अश्वेत धर्म प्रमुखों के पैर धोकर गोरे पुलिस अफसरों ने दिया मानवता एवं प्रेम का संदेश

अमेरिका में अश्वेत धर्म प्रमुखों के पैर धोकर गोरे पुलिस अफसरों ने दिया मानवता एवं प्रेम का संदेश

न्यूयॉर्क । उत्तरी कैरोलीना के कैरी शहर में गोरे पुलिस अधिकारियों एवं श्वेत समुदाय के लोगों ने शनिवार को अश्वेत धर्म प्रमुखों का पैर धोकर मानवता एवं प्रेम का संदेश दिया। ज्ञातव्य हो कि बाइबिल में यह उल्लेख है कि कभी जीसस ने भी अपने अनुयायियों के पैर धोकर उनका सम्मान किया था, यह इसी घटना का एक तरह से अनुकरण था। पुलिस की क्रूरता के कारण जॉर्ज फ्लॉयड की मौत तथा नस्लवाद का विरोध करने के लिए गर्मी की चिलचिलाती धूप में अश्वेत संप्रदाय के लोग शनिवार को कैरी में यूनिटी मार्च में शामिल होने के लिए जुटे थे। चर्च के सदस्यों, सह पादरी वोकोमा एवं उनके पति सोबोमा की मदद से आयोजित इस एकता प्रार्थना पदयात्रा में शामिल लोगों ने आठ मिनट 46 सेकंड तक मौन रखा तथा देश के लिए प्रार्थना की। विदित है कि एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने अश्वेत फ्लॉयड की गर्दन को अपने पैरों से आठ मिनट 46 सेकंड तक दबाए रखा था जिसके कारण μलॉयड की मौत हो गई थी। इस प्रार्थना सभा के दौरान ही पैर धोने का कार्यक्रम भी रखा गया था, जिसमें कम से कम तीन श्वेत लॉ एन्फोर्समेंट आॅफिसर एवं 3 अन्य श्वेत समुदाय के लोगों ने पादरी एवं सोबोमा वोकोमा के पैर धोकर मानवीयता एवं प्रेम का संदेश दिया।

न्यूयॉर्क टाइम्स के ओपिनियन एडिटर ने दिया इस्तीफा

सीनेटर टॉम कॉटन के लेख सेंड इन द ट्रूप्स की वजह से न्यूजरूम में छिड़े घमासान के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स के ओपिनियन एडिटर जेम्स बेनेट ने इस्तीफा दे दिया है। इस लेख में ट्रंप की उस धमकी का समर्थन किया गया था जिसमें उन्होंने प्रदर्शनों की वजह से फैली अशांति को काबू करने के लिए सेना के इस्तेमाल की बात कही थी। शुरुआत में अखबार ने लेख का समर्थन किया था , लेकिन बाद में कहा कि यह लेख उनके मानकों पर खरा नहीं उतर रहा। बीते बुधवार को अखबार की वेबसाइट पर लेख प्रकाशित होने के बाद अखबार के स्टाफ और आम जनता की ओर से भी इसका विरोध हुआ था। विरोध जताते हुए कुछ पत्रकार गुरुवार को काम पर भी नहीं गए। जेम्स बेनेट साल 2016 से ओपिनियन एडिटर के पद पर थे।

 एक और संपादक का इस्तीफा

शनिवार को फिलाडेल्फिया इन्क़्वायरर के शीर्ष संपादक स्टैन विस्रोवस्की ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि वहां प्रकाशित हुई एक हेडलाइन में प्रदर्शनों के दौरान हुए संपत्ति के नुकसान और मरने वाले काले लोगों की तुलना की गई थी।